भूपेंद्र चौहान, चंद्रशेखर आजाद नगर
चंद्रशेखर आजाद नगर में पानी की किल्लत एक गंभीर समस्या बनी हुई है, खासकर बस स्टैंड और पूरे नगर में लगे दो प्याऊ पर। पिछले दो दिनों से इन प्याऊ में पानी नहीं है, जिससे छोटे बच्चे और ग्रामीण जनता बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है।
नगर परिषद ने इन प्याऊ के निर्माण पर लाखों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन इनमें पानी की व्यवस्था न होने से ये केवल दिखावा बनकर रह गए हैं। सूखे नल और खाली नान (घड़े) पानी पीने आए लोगों को निराश कर रहे हैं। ग्रामीण और बच्चे जब इन प्याऊ के नल खोलते हैं, तो उन्हें उम्मीद होती है कि पानी मिलेगा, पर हर बार उन्हें मायूसी ही हाथ लगती है। यह स्थिति नगर पंचायत के उन दावों पर सवाल उठाती है कि वे आम जनता को पानी जैसी मूलभूत सुविधा दे रहे हैं। आशंका है कि इन प्याऊ के रख-रखाव के नाम पर लाखों के भारी-भरकम बिल बनाए जाएंगे, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है।
CMO का गैर-जिम्मेदाराना रवैया
जब इस समस्या को लेकर नगर परिषद के CMO सुशील कुमार ठाकुर से बात की गई, तो उनका जवाब बेहद गैर-जिम्मेदाराना था। उन्होंने कहा, “क्या सब चीज मैं कहां देखूंगा और भी कर्मचारी हैं बस स्टैंड पर, उनसे बात कीजिए, वह देखेंगे। उसके लिए आप उनको फोन लगा लीजिए।” यह दर्शाता है कि CMO को जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है और वे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
