आलीराजपुर, एजेंसीः जिले में एक सामुदायिक पंचायत के कथित फरमान पर ग्रामीणों ने आदिवासी विवाहिता और उसके युवा प्रेमी पर अत्याचार किया। इसके साथ ही आदिवासी महिला को उसके प्रेमी को अपना बेटा मानने पर मजबूर किया गया। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
अलीराजपुर के पुलिस अधीक्षक अखिलेश झा ने बताया कि बायडा गांव में 31 दिसंबर को 25 साल की विवाहिता और उसके 21 साल के प्रेमी पर अमानवीय अत्याचार के आरोप में 4 लोगों को पकड़ा गया है। पीड़ित प्रेमी युगल आदिवासियों के भील समुदाय से ताल्लुक रखता है। झा ने मामले की शुरुआती जांच के हवाले से बताया कि बायडा गांव की 25 वर्षीय विवाहिता अपने पति और तीन बच्चों को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ करीब दो महीने पहले गुजरात भाग गई थी। ग्रामीण प्रेमी युगल को सबक सिखाने की नीयत से गुजरात से पकड़कर बायडा गांव लाए। पहले इस जोड़े की कथित तौर पर पिटाई की गई। फिर उन्हें भील पंचायत के सामने पेश कर दिया गया।
झा ने बताया कि भील पंचायत के कथित फरमान पर विवाहिता के बाल बेतरतीब तरीके से काट दिए गए, जबकि उसके प्रेमी का सिर मुंडवा दिया गया। इसके बाद पंचायत ने आदिवासी महिला को यह ‘हुक्म’ देते हुए अपने प्रेमी को अपना बेटा मानेगी और उससे प्रेम संबंध नहीं रखने के लिए मजबूर किया गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हमें पता चला है कि भील पंचायत अपने रीति-रिवाजों के मुताबिक पहले भी इस तरह के फरमान सुनाती रही है, ताकि किसी स्त्री और पुरष के अवैध संबंध को खत्म किया जा सके और भविष्य में उन्हें एक-दूसरे के साथ मां-बेटे जैसा रिश्ता रखने पर मजबूर किया जा सके। झा ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों के खिलाफ नामजद प्रकरण दर्ज किया है। इनमें से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि पुलिस को पता चला है कि आदिवासी प्रेमी जोड़े पर अत्याचार करने की घटना में 30 से 40 लोग शामिल थे। मामले के अन्य आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है।