अवैध वसूली ले गई जान: पिटोल चेक पोस्ट पर निजी कर्मचारी की ट्राले से कुचलकर मौत

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भूपेंद्र नायक, पिटोल

झाबुआ जिले के पिटोल स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर अवैध वसूली के दौरान आरटीओ के एक निजी कर्मचारी (प्रायवेट कटर) राजेश मीणा की ट्राले के नीचे दबने से दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना गुरुवार, 22 मई 2025 को सुबह लगभग 10 बजे हुई, जब राजेश मीणा दो बड़े ट्रालों को रोकने की कोशिश कर रहा था। हादसे के बाद, मौके पर मौजूद सभी निजी ‘कटर’ और सरकारी आरटीओ कर्मचारी फरार हो गए, जिससे गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

अवैध वसूली का काला कारोबार फिर से शुरू

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 20 जुलाई 2024 को सभी आरटीओ चेक पोस्ट बंद कर दिए थे और उनकी जगह चेकिंग पॉइंट बनाए गए थे। प्रारंभ में कुछ महीनों तक पिटोल चेक पोस्ट पर सरकारी कर्मचारियों द्वारा नियमित चेकिंग की जा रही थी, जिससे सरकार को राजस्व भी मिल रहा था। हालांकि, दो महीने पहले नए आरटीओ अधिकारी पुंगालिया के पदस्थ होने के बाद, स्थिति बदल गई। आरोप है कि पुंगालिया ने मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 40 निजी व्यक्तियों को काम पर रखा और बैरिकेड लगाकर 24 घंटे अवैध वसूली फिर से शुरू कर दी। यह सब तब हो रहा था जब सरकार ने आरटीओ कर्मचारियों के साथ नगर सैनिकों को ड्यूटी पर लगाया था।

घटना का विवरण और चश्मदीदों के बयान

गुरुवार सुबह राजेश मीणा, जो ग्राम करणगढ़, मंदसौर का निवासी था, दो ट्रालों (क्रमांक GJ 07 TU 1647 और RJ 04 GB 7731) को रोकने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान वह ट्रालों की चपेट में आ गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसे दाहोद ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और पोस्टमार्टम भी वहीं किया गया।

दुर्घटना के बाद, मौके पर मौजूद अवैध वसूली करने वाले निजी व्यक्ति और सरकारी आरटीओ कर्मचारी तुरंत फरार हो गए। घटना के बारे में जानकारी देने के लिए कोई भी मौजूद नहीं था।

घायल ड्राइवर त्रिलोक सिंह, निवासी राजस्थान बाड़मेर, को भी निकालने के लिए कोई मौजूद नहीं था। उसके पीछे चल रहे ट्राले के ड्राइवर सेलू सिंह पिता रानू सिंह, बीकानेर राजस्थान वाले ने बताया कि पहले आरटीओ ऑफिस में 1700 रुपये लिए जाते थे, लेकिन अब यहां 1000 रुपये लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर ड्राइवर स्टेरिंग पर पैसे लेकर बैठता है और गाड़ी के कागजात बिना चेक किए सीधे निजी ‘कटर’ को पैसे देकर आगे बढ़ जाता है।

झाबुआ के स्थानीय ट्रांसपोर्टर असगर अली ने भी शिकायत की कि उन्हें रात-दिन दाहोद, झाबुआ, इंदौर के लिए ट्रांसपोर्टिंग के लिए छोटे-बड़े वाहनों को चलाना पड़ता है, और उनके वाहनों को भी रोककर अवैध वसूली के लिए परेशान किया जाता है।

ट्रांसपोर्टरों की आशंका हुई सही साबित

सरकार के चेक पोस्ट बंद करने के फैसले के बाद ट्रांसपोर्टरों ने आशंका जताई थी कि नए 45 चेकिंग पॉइंट पर अधिकारी फिर से अवैध उगाही शुरू न कर दें। उनकी यह चिंता अब सच साबित होती दिख रही है, क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो महीनों से सभी चेक पोस्टों पर अवैध वसूली का काम जोरों पर चल रहा है। इस घटना ने अवैध वसूली के इस गोरखधंधे पर एक बार फिर से सवालिया निशान खड़ा कर दिया है और प्रशासन पर तत्काल कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।

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