भारत माता प्रतिमा के समक्ष दीप प्रवज्जलन के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मालवा प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग प्रारंभ

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शान ठाकुर पेटलावद
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मालवा प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग ( व्यवसायी ) 2025 का रविवार को पेटलावद में विधिवत शुभारंभ हुआ। इस वर्ग में 28 जिलों से चयनित 228 शिक्षार्थी उपस्थित हैं। पंद्रह दिनों तक चलने वाले इस संघ शिक्षा वर्ग में शिक्षार्थी संघ की कार्य पद्धति, सहजीवन, अनुशासन आदि का प्रशिक्षण लेंगे। प्रातः 4:10 बजे जागरण से लेकर रात्रि 10:15 बजे दीप विसर्जन तक विभिन्न शारीरिक एवं बौद्धिक सत्रों द्वारा शिक्षार्थियों का प्रशिक्षण होगा।
सत्र का प्रारंभ भारत माता के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर मालवा प्रांत के सह प्रान्त कार्यवाह श्रीनाथ गुप्ता, वर्ग के माननीय सर्वाधिकारी सुरजीतसिंह तनेजा व मालवा प्रान्त सह कार्यवाह रघुवीर सिंह सिसोदिया भी मंच पर उपस्थित रहे।

उद्घाटन सत्र में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मालवा प्रांत के सह प्रान्त कार्यवाह श्रीनाथ गुप्ता ने वर्ग का महत्व बताते हुए कहा अहंकार सदैव विकास में बाधा उत्पन्न करता है उसे त्यागे। मुझे सीखना है के उद्देश्य से कार्य कर अपने आपको परिपक्व बनाना है। जब भी हमें कुछ सीखना है प्राप्त करना है तो झुकना सीखना होगा। झुकने से अहंकार समाप्त हो जाता है।

मामा बालेश्वर दयाल बौद्धिक सभागृह में मालवा प्रान्त के 15 दिवसीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वर्ग में प्रान्त सहकार्यवाह गुप्ता ने कहा इस प्रकार के वर्ग से कार्यकर्ता का विकास और निर्माण होता है। वर्ष 1925 में संघ की स्थापना के पूर्व डॉक्टर हेडगेवार जी का एकमात्र उद्देश्य था देश की स्वतंत्रता और भारत की मजबूती। इसके लिए उन्होंने समाज को शक्तिशाली और संगठित करने का मन में ठाना और गुलामी के पहले का भारत जो की कपड़ा, शिक्षा, चिकित्सा, परिवार, व्यवसाय आदि में दुनिया भर में प्रमुख स्थान पर था उसे पुनः सर्वश्रेष्ठ बनाने का मन में ठाना। आपका उद्देश्य था दुनिया में भारत पुनः शीर्ष पर हो और भारत अपना परम वैभव को प्राप्त करें। इसी कड़ी में डॉक्टर हेडगेवार जी में गर्व से कहो हम हिंदू हैं का नारा दिया था।

आपने आगे कहा संघ और उसकी शाखा की कार्य पद्धति पूर्णतया वैज्ञानिक है, शाखा की शुरुआत कार्यकर्ता निर्माण की शुरुआत है। आज जो वर्ग की शुरुआत हो रही है उसमें चयनित स्वयंसेवकों को शामिल किया गया है। जो स्वयं को निखारने का कार्य तो करेंगे ही साथ में कार्यकर्ता निर्माण का कार्य भी यहां से जाने के बाद करेंगे।
आपने आगे कहा संगठन चलाने के लिए गुस्से को अपने काबू में करना होगा। किसी भी संगठन में गुस्से का कोई स्थान नहीं होता। इसलिए अपने मन व मस्तिष्क को शांत रखना सीखें। समय का पालन, अनुशासन और समयबद्धता यह महत्वपूर्ण चीज वर्ग की है।
यह भी एक वैज्ञानिक तथ्य है की शरीर को किसी भी व्यवस्था में ढलने के लिए 15 से 21 दिन लगते है।इसीलिए संघ के वर्ग 15 से 21 दिनों के होते हैं। स्वयं की कमी को देखकर उससे बेहतर करने का प्रयास व्यक्ति को करना चाहिए।
स्वयंसेवक तीन प्रकार के ध्येय का चिंतन करें इससे उनके विकास की क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
पहला ध्येय चिंतन है। इसका अर्थ नेतृत्व पर विश्वास और अपने ध्येय के प्रति संकल्प का पक्का होना है। दूसरा गुणों का अर्जन अपने शारीरिक विकास के साथ में वर्ग में गुणों का अर्जन करना, समयबद्धता के प्रति कायम रहना, कम समय में अधिक काम करना, समय का समायोजन करने की क्षमता व अपनी प्राथमिकता तय करना मुख्य रूप से शामिल है। इसके साथ ही न्यूनतम आवश्यकता में जीना, विलासिता को छोड़कर यही वर्ग में आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है।

तीसरा जो प्राप्त हुआ संघ के वर्ग में मन, बुद्धि, शरीर को सदैव याद रखना होगा। यह हमें राष्ट्र प्रेम देश भावना व भारत माता के प्रति अपने कर्ज को याद दिलाता है।
श्री गुप्ता ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए बताया उन्हें मिसाईल मेन के नाम से पूरे विश्व में जाना जाता था। उन्हें अपने कार्य के लिए कई विदेशी देशों ने बड़े-बड़े प्रलोभन दिए लेकिन उन्होंने अपने राष्ट्रवाद, देश के प्रति भाव प्रकट करते हुए राष्ट्र प्रथम रखा। उन्होंने जो भी वैज्ञानिक कार्य किए वह केवल भारत के लिए किए।
वर्ग में उपस्थित शिक्षार्थियों से श्री गुप्ता ने कहा संघ के स्वयंसेवक का होना ही अपने आप में भाग्यशाली पल है। इस वर्ग में कुछ सीखें, सीखने के बाद आप देश, परिवार, समाज, नगर, ग्राम के लिए कुछ कर पाए तभी यह वर्ग सार्थक सिद्ध हो पाएगा, क्योकि संघ का शिक्षा वर्ग कार्यकर्ताओ के निर्माण की साधना है।

वर्ग का समापन प्रकट कार्यक्रम के साथ 1 जून को सायं 6 बजे सांदीपनी विद्यालय प्रांगण (सीएम राइस) पेटलावद में संपन्न होगा।

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