संत प्रज्ज्वलित दीपक की तरह होते हैं, उनके संपर्क में आने से हम ज्योतिर्मय हो जाते हैं : देवी चित्रलेखाजी
लोहित झामर, मेघनगर
जाति पाति पूछे ना कोई , हरि को भजै सो हरि का होई ” कल्याण किसी वस्तु की प्राप्ति का नही होता है भगवान की कथा सुनने का भाव मन मे होना ही कल्याण कहलाता है श्रीमद भागवत सबका कल्याण करने वाली कथा है lभगवान की कथा करने वाले कि डिग्री नही देखी जाती है उसका भाव देखा जाता है l

संत दीपक के समान होता है और हम बुझे हुए दीपक है संतो को सुनने और उनके पास जाने से हम दीपक की तरह प्रज्ज्वलित हो जाते हैँ यदि आप शक्ल से नही भी सुँदर है तो स्वभाव से सुँदर रहे l भगवान की कथा करने वाले कि डिग्री नही देखी जाती है उसका भाव देखा जाता है l उपरोक्त महत्वपूर्ण संदेश मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्रीवनेश्वर मारुति नंदन हनुमान मंदिर पर देवी चित्रलेखा जी के द्वारा सुनाई जा रही श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन उन्होंने व्याससपीठ से दिये l कथा का प्रारंभ श्रीमद भागवत की महाआरती से की गयी l महाआरती मध्य प्रदेश के समाजसेवी सुरेश चंद्र पूरणमल सीमा सुरेश चंद्र पूरणमल जैन राजेश रिंकू जैन जैकी जैन मंदिर के महंत दिलीपदास जी महाराज रामदास जी त्यागी टाट वाले बाबा द्वारा की गयी l
