पेटलावद हादसा : नगर परिषद के खिलाफ ‘मध्यप्रदेश कांग्रेस’ की एंट्री, ऑफिशियल अकाउंट से हुई पोस्ट

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शान ठाकुर, पेटलावद

12 सितंबर 2015 के बाद एक बार फिर 23 मार्च 2025 को पेटलावद में दिल दहलाने वाला हादसा हुआ है….जिसमें दो लोगों ने अपनी जान गवा दी है ओर तीन लोग घायल है। जिसमें दो नाबालिक शामिल है। घटना को लेकर सबसे बड़ी लापरवाही नगर परिषद की सामने आई है, क्योंकि जिस स्थान पर हादसा हुआ वहां अवैध रूप से सिनेमा हॉल का निर्माण लंबे समय से चल रहा था। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया या यूं कहे आंखों पर खुद ही पट्टी बांध ली। 

नगर परिषद सीएमओ कि इसमें सबसे बड़ी लापरवाही उजागर हुई है क्योंकि नगर परिषद सीएमओ के द्वारा मामले में भारी लापरवाही बरती गई और अवैध रूप से बन रहे सिनेमा हॉल के कार्य को नहीं रुकवाया गया और जब मामला हादसे के रूप में सामने आया तो मामले से पल्ला झाड़ कर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहरा कर उन्हें नोटिस दे दिए। 

कैबिनेट मंत्री ने पीड़ित परिवारों से की मुलाकात

हादसे में दिवंगत होने वाले प्रकाश प्रजापत एवं लाला नामक शख्स के घर जाकर पीड़ित परिवारों से कैबिनेट मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने मुलाकात की है एवं संवेदनाए व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद और सहयोग करने का विश्वास दिलाया है। 

मध्यप्रदेश कांग्रेस की एंट्री

मामले में अब मध्यप्रदेश कांग्रेस की एंट्री भी हुई है और मध्यप्रदेश कांग्रेस के ऑफिसियल फेसबुक पेज पर पोस्ट कर नगर परिषद की लापरवाही का मामला उठाया गया है। जिसमें हादसे को लेकर लिखा कि 23 मार्च को बगैर अनुमति बन रहे टॉकीज की छत गिरने से दो बेकसूर मारे गए, क्योंकि नगर परिषद के अधिकारी सो रहे थे। पीड़ितों का आरोप है कि प्रशासन/नगर परिषद के शीर्ष अधिकारी जवाबदेही से भाग रहे हैं। अपनी गलती छोटे कर्मचारियों पर डाल रहे हैं। आदिवासी बाहुल्य पेटलावद की जनता मोहन सरकार से पूछ रही है कि क्या इस ‘आशा’ को भी कैलाश विजयवर्गी बचा रहे हैं? 

मध्यप्रदेश कांग्रेस की यह पोस्ट इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि आज सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज झाबुआ जिले के दौरे पर है और कन्या विवाह योजना अंतर्गत कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और इसी जिले में एक बड़ा हादसा हुआ है लेकिन अब तक जिन अधिकारियों की मामले में जिम्मेदारी थी उन पर कोई बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। अब देखना होगा कि क्या मुख्यमंत्री इस मामले में संज्ञान लेंगे और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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