आदिवासी विकास परिषद ने जिले मे पूर्णतः शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

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आलीराजपुर । मप्र आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष महेश पटेल एवं परिषद जिलाध्यक्ष अंगरसिंह चौहान के नेतृत्व मे बुधवार को जिले मे शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर डॉ. बेडेकर को एक ज्ञापन सोपकर उचित कार्यवाही की माँग की । इस दोरान उन्होंने चेतावनी देते हुवे कहा की शराबबंदी की घोषणा नहीं की गईं तो जिले मे आदिवासी विकास परिषद चरणबद्ध आंदोलन करने पर मजबूर होंगी ।

शराब का बुरा असर हो रहा है

सोपे गए ज्ञापन में बताया गया कि अनुसूचित क्षेत्र भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 (1) अनु. 19(6) अनुसार अलीराजपुर जिले में अंग्रेजी शराब को पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाया जाए ।अनुसूचित क्षेत्रों में अग्रेंजी शराब का बुरा प्रभाव पुरुष, महिलाओं, युवाओं, वृद्धों पर होने से इस क्षेत्र में अंग्रेजी शराब का पूर्णतः प्रतिबन्ध किया जावें, ताकि संविधान में प्रावधानों का पालन हो । अलीराजपुर जिला क्षेत्र 5वी अनुसूची भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 (1) के विशिष्ट प्रावधान के अन्तर्गत आने से तथा उक्त प्रावधानों के होने के बाद भी आदिवासीयों की सामाजिक सांस्कृतिक एवं आर्थिक सुरक्षा नही हो रही है ओर गैर आदिवासी धर्म संस्कृति पर पूर्णतः प्रतिबन्ध किया जावे। अनुसूचित क्षेत्रों में अग्रेजी शराब की दुकानों व अवैध रूप से आदिवासीयों तक पहुंचाई जा रही है, इससे आदिवासीयों के स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति, परिवार एवं सामाजिक स्थिति पर बहुत गम्भीर प्रभाव पड रहा है। अनुसूचित क्षेत्रों में पैसा एक्ट 1996 के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासीयों की सहमति के बगैर अग्रेंजी शराब का व्यापार, व्यवसाय नही किया जाने का प्रावधान होने के बाद भी यह व्यवसाय किया जा रहा है जो भारतीय संविधान के विरूद्ध है। अग्रेंजी शराब आदिवासीयों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पडकर बच्चों में कुपोषण, महिलाओं में कुपोषण होकर स्वास्थ्य पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड रहा है,  स्वास्थ्य सर्वे रिपोर्ट में भी आया है कि आदिवासी जिला अलीराजपुर 72 प्रतिशत कुपोषण में आया, जिसका मूल कारण अग्रेंजी शराब के सेवन से ही है ।आदिवासी लोग यह नही जानते है कि अग्रेंजी शराब पीने से उनके स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पडता है। वे केवल आदिवासी परम्परागत देशी महुए की शराब, ताडी को जानते है, उसी अनुसार वे अग्रेंजी शराब का सेवन करने लगें है।अग्रेंजी शराब बन्द करने से अनावश्यक लडाई झगडे कम हो जायेगें तथा युवाओं, युवतियों, महिलाओं का स्वास्थ्य अच्छा होने से उनकी कार्यक्षमता बढेगी जिससे जिले, प्रदेश, राष्ट्र के विकास में युवाओं की उर्जावान शक्ति बढ़ कर देश का विकास होगा।

अनुसूचित जनजातियों की जमीन सुरक्षा का विशेष प्रावधान होने के बाद भी अग्रेंजी शराब के प्रभाव से आदिवासी लोग कर्ज की स्थिति में किसी को भी औने पौने दाम में जमीन बेच रहा है, स्वार्थी तत्व भोले भाले गरीब आदिवासियों को शराब पिलाकर कई अवैध समझौते भी करवाते है। अंग्रेजी शराब के कारण ही आदिवासीयों की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक हितों पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है। सभी गावों में मिटिंग करके डी-3 मिशन के तहत यह तय कर लिया गया है कि अब आदिवासी गावों में अग्रेंजी शराब का पूर्णतः प्रतिबन्ध है। इस मिटिंग में कलेक्टर महोदय व पुलिस अधिक्षक महोदय दोनों के समक्ष बैठकों में अग्रेजी शराब आदिवासी क्षेत्रों में पूर्णतः बन्द का निर्णय लिया गया है । इसका भी पालन होना चाहिए। मुख्यमंत्री द्वारा आध्यात्मिक क्षेत्र उज्जैन, औंकारेश्वर आदि में अग्रेंजी शराब का प्रतिबंध करने का आदेश दिया गया था, जबकि आदिवासी क्षेत्रों के लिए भारतिय संविधान में आदिवासीयों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संवैधानिक पदाधिकारीयो की होने से अग्रेंजी शराब को अनुसूचित क्षेत्रों में तत्काल प्रतिबंधित होना चाहिए। पुलिस थानों में कई प्रकरण अग्रेंजी शराब के नशे के कारण घटना होना भी हो सकती है। यदि अग्रेजी शराब बन्द हो जायेगी तो जिले में नशें से होने वाली घटनाए जैसे हत्या, मर्डर, बलात्कार, महिलाओं, युवाओं में झगडें भी नही होगें तथा पूरे जिले में शांति होगी। आदिवासी लोग पहले से ही आर्थिक रूप से गरीब है गरीबी होने के बाद भी अग्रेजी शराब का प्रचलन होने से और अधिक गरीब होने लगे यह जानकारी भी शासकिय सर्वे रिपोर्ट में अलीराजपुर जिला बहुत गरीबी में आया जिसका कारण अग्रेंजी शराब है जो कि महंगी होने से आरे अधिक गरीबी को बढा रही है। शासन ने आदिवासी क्षेत्रों मे पैसा एक्ट लागू किया है इस प्रावधान के तहत ग्राम सभा की सहमती-असहमती अनुसार इन क्षेत्रों में अंग्रेजी शराब की दूकाने बंद करने की कार्यवाही करना चाहिए। पेसा एक्ट अन्तर्गत 26 जनवरी 2025 को जो ग्रामीण शराब की दुकान है वहा पर महिलओं के विरोद्व के कारण पंचायत द्वारा बैठक में प्रस्ताव पारित कर शराब की दुकानें निरस्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया । आगामी 01अप्रैल से अगर अंग्रेजी शराब दुकानें खोली गई तो समस्त आदिवासी समाज मिल कर आन्दोलन करने को मजबूर होगा,जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी। आदिवासी क्षेत्रों में अंग्रेजी शराब के कारण आदिवासी समाज मे हो रहे दुष्परिणाम को देखते हुए पैसा एक्ट एवं डी-3 मिशन के तहत अलीराजपुर जिले सहित अन्य आदिवासी क्षेत्रों में अंग्रेजी शराब ओर उसकी दूकाने पूर्णतः प्रतिबंधित आदिवासी समाज की मुहिम में शासन प्रशासन ने भी महत्वपूर्ण भुमिका अदा की है। जिसके कारण आदिवासी क्षेत्र में विवाह में अग्रेजी शराब का प्रतिबन्ध कर दिया गया है तथा समाज सुधार में फायदा हो रहा है । मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन है कि अग्रेजी शराब को बंद करवाई जाकर डी-3 महत्वपूर्ण येागदान देकर आदिवासी समाज को प्रोत्साहित करें ।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर आदिवासी नेता कैलाश चौहान, तरुण मंडलोई, सरदार अजनार, प्रदीप रावत, दिलीप कनेश, कमल बघेल, नगरसिंह, भावसिंह भाई, लालू भाई, सोनू वर्मा, लक्की राठौड़ सहित सेकड़ो लोग मौजूद थे।

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