मुमुक्षु परिधि के संयम पथ महोत्सव प्रसंग पर मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा भगवान पार्श्वनाथ प्रभु का शक्रस्तव पूजन अभिषेक भव्य संगीत के साथ सम्पन्न
भूपेन्द्र चौहान, चन्द्रशेखर आज़ाद नगर
चन्द्रशेखर आज़ाद नगर में मुमुक्षु परिधि के दीक्षा महोत्सव के तीसरे दिवस शुक्रवार को महावीर गोयम वाटिका में मध्यप्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा पूजन अभिषेक शक्रस्तव महाअभिषेक का आयोजन किया गया। पूज्य गणी वर्य आनन्द चन्द्र सागरजी मा.सा. आदि ठाना ,पूज्य साध्वी जी स्वर्णज्योति जी मा.सा .विरल ज्योति म.सा.प्रियलज्योति म.सा. आदि ठाना के पावन सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में मंदसौर मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध कलाकार यश वागरेचा एवं साज वादक तमिलनाडु,कर्नाटक, हैदराबाद, इंदौर, रतलाम आदि जगह से पधारे कलाकारों ने विधिविधान व मंत्रोच्चार के साथ संगीतमय महाअभिषेक की क्रियाए करवाई। समाज के महिला पुरूषों, के साथ अजैन समाजनो ने भी विविध मंत्रों के साथ परमात्मा का विशिष्ट औषधियों, रत्न, स्वर्ण, रजत सहित सुंगधित जल एवं मंगल द्रव्यों से महाअभिषेक किया। परमात्मा के पूजन के लिए फल, फ्रूट, ड्राईफ्रूट से भव्य मण्डप सजाया गया।
भजनों की बहाई रसगंगा संगीत कलाकार यश वागरेचा एवं टीम ने भजन गायकों ने सुमधुर भजनों की रसगंगा बहाई। उन्होंने सोना रुपाणा कलशे प्रभु ने नवरावो हर्षे…, दीवाना तेरा आया बाबा तेरी नगरी में…, तूने खूब दिया सब भक्तों को अब आज हमारी बारी है… सहित अन्य भजन प्रस्तुत किए गए तो पूरा माहौल भक्ति के रंग में रंगा नजर आया। महाअभिषेक के दौरान मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठा।
परमात्मा के स्पर्श से द्रव्य बनता पवित्र महाअभिषेक का महत्व बताते हुए साध्वी सौम्यप्रभा व सौम्यदर्शना ने कहा कि परमात्मा के स्पर्श से प्रत्येक द्रव्य पवित्र बना जाता है, जिसके स्पर्श मात्र से परमात्मा की कृपा की अनुभूति होती है। जगत का कल्याण करना हो तो वाणी काम आती है। सांसारिक जीवन में सफलता की प्राप्ति पुण्य से होती है और साधु जीवन में सफलता की प्राप्ति पुरुषार्थ से होती है।
ये बने लाभार्थी शक्रस्तव महाअभिषेक का लाभ मुमुक्ष परिधि सालेचा वोहरा परिवार ने प्राप्त किया। महाअभिषेक के बाद स्वामी वात्सल्य का आयोजन हुआ, जिसका लाभ मुमुक्षु परिधि बहन सालेचा वोहरा परिवार ने प्राप्त किया। महाअभिषेक के बाद परमात्मा की महाआरती की गई। इस मौके पर बॉम्बे, पूना, रतलाम ,दाहोद,लिमडी, राणापुर,अलिराजपुर सहित अन्यत्र स्थानों से आए श्रद्धालु मौजूद
: परमात्मा के स्पर्श से द्रव्य बनता पवित्र महाअभिषेक का महत्व बताते हुए पूज्य गणी वर्य आनन्द चंद्र सागरजी म.सा. ने कहा कि परमात्मा के स्पर्श से प्रत्येक द्रव्य पवित्र बना जाता है, जिसके स्पर्श मात्र से परमात्मा की कृपा की अनुभूति होती है। जगत का कल्याण करना हो तो वाणी काम आती है। सांसारिक जीवन में सफलता की प्राप्ति पुण्य से होती है और साधु जीवन में सफलता की प्राप्ति पुरुषार्थ से होती है।