सोमवार की रात और कमरा नंबर 207, आखिर क्या हुआ था उस रात..

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नवनीत त्रिवेदी@ झाबुआ Desk 

परसों यानि सोमवार की रात 11:00 बजे के आसपास शहर की एक होटल के कमरा नंबर 207 में क्या हुआ यह चौराहों की चर्चा परसों रात से लेकर अभी तक बनी हुई है, सूत्रों के अनुसार कमरा नंबर 207 में शहर के कुछ रसूखदार ताश पत्तों के साथ हार जीत का जुआ खेल रहे थे तभी इन्हीं ताश प्रेमियों में से दो लोगों में एक दूसरे से शराब बटवारे की बात को लेकर बहस हो गई, कुछ देर में से इनमें से एक युवक कमरा नंबर 207 से बाहर निकाला और बाहर निकलने के बाद उसने पुलिस को सूचना दे दी, सूचना देने के लगभग 20 मिनट बाद पहुंची पुलिस ने पूरे दल के साथ कमरा नंबर 207 में जब छापा मारा को ताश पत्ते खेलने वाले सभी ताश प्रेमियों के होश उड़ गए सभी लोग अपने-अपने तरह से सफाई देने लगे तो पहले तो पुलिस ने कमरा नंबर 207 में एक बेड पर पड़े ताश और बड़ी मात्रा में रखे रुपयों को जब्त कर लिया लेकिन रसूखदारों में से एक बड़े समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति ने अपने रसूख का उपयोग करते हुए कई फोन घुमाए लेकिन फोन घुमाने का भी कुछ खास असर नहीं हो पाया लगभग 40 मिनट तक चले इस हाई प्रोफाइल ड्रामे के बाद अचानक एक फोन से पुलिस को वापस लौटना पड़ा, यह पूरा घटनाक्रम पुलिस की एफआईआर में दर्ज तो नहीं हो सका लेकिन ताश पत्ते और बड़ी मात्रा में बरामद किए रूपयो का क्या हुआ यह संशय फिलहाल बरकरार है, आखिर ऐसा क्या हुआ कि तमाम सबूत होने के बाद भी पुलिस को वापस लौटना पड़ा आखिर पकड़े गए रुपयों का क्या होगा यह तो यक्ष प्रश्न है लेकिन उससे भी बड़ा सवाल यह है कि क्या बड़े और रसूखदार लोगों को ताश के पत्तों से हार जीत लगाने की कोई विशेष अनुमति मिली हुई है क्या यह अनुमति लिखित है या मौखिक यह भी अभी एक बड़ा सवाल है!!

क्रमशः – बने रहिए

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