जश्ने गौस-ए-अजाम कॉन्फ्रेंस में अंतर्राष्ट्रीय सूफी सय्यद नूरानी मियां ने मुस्लिम धर्मावलंबियों को गुनाहों से बचने की सीख दी 

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थांदला। मुस्लिम पंच अहले सुन्नत वल जमाअत थांदला द्वारा दिनांक 2 नवंबर को नूरी गार्डन में जश्ने गौस-ए-अजाम कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय सूफी व खतीब एशिया व यूरोप, पीर ए तरीकत रहबरे राहे शरीअत, आले नबी, औलादे-अली शहजाद ए गाजी-ए-मिल्लत हुजूर ताजुल ओलमा हजरत अल्लामा मौलाना, हाफीज कारी सय्यद नूरी मियां अशरफी उल जिलानी नाइब सज्जादा नशीन आस्ताना-ए-हुजूर मखदुमल मिल्लत हुजूर मोहद्दिस ए आजम हिंद अलहिर्रहमा किछोछा शरीफ से सरजमीन-ए-थांदला में अपनी नूरानी तकरीर के लिए मुसलमानों के बीच पहली बार पहुंचे।

इस अवसर पर सदर हशमतुल्ला खां ने गाजी-ए-मिल्लत का पुष्पमालाओं से स्वागत किया। प्रोग्राम की जेरे कियादत खलीफ ए हुजूर वकार ए मिल्लत हजरत अल्लामा मौलाना इस्माइल अशरफी बरकाती सा. हाफिज व कारी हसन रिजवी व बुलबुले बागे मदीना अबु तुराब बरकाती उदयपुर राजस्थान ने की। प्रोग्राम रात्रि 9 बजे शुरू हुआ जिसके बाद गाजी ए मिल्लत स्टेज पर पहुंचे तो पूरा मजमा नारों से गूंज उठा। अंतर्राष्ट्रीय सूफी व सरकार अब्दुल कादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह की 28वीं औलाद गाजी ए मिल्लत ने मुसलमानों को हलाल रिज्क खाने व अल्लाह से डरने, नेक काम करने की नसीहत अपनी नूरानी तकरीर के माध्यम से दी। प्रोग्राम रात्रि 1 बजे तक चलता रहा, इसके बाद सलात-ओ-सलाम के बाद दुआएं हुई तथा गाजी ए मिल्लत का सभी धर्मावलंबियों ने जियारत की तथा अब्दुल सलाम छीपा के घर पहुंचकर कई मुस्लिमों ने बैत की। इस कार्य्रम में झाबुआ, मदरानी, खवासा, पेटलावद, राणापुर, दाहोद, राजस्थान व गुजरात प्रांतों के धर्मावलंबियों ने बड़ी संख्या में शिरकत की। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अब्दुल सलाम खत्री, मुस्लिम पंच ने पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया।

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