झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अतंर्गत पेटलावद विकासखंड के ग्राम रूपगढ़ स्थित हनुमान मंदिर पर 61 जोड़ों का सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया। समारोह मे एक विशेषता यह देखी गई है वहां बैठे अधिकांश जोड़े पूर्व से ही विवाहित थे, तथा केवल शासन की योजनाओं के लाभ लेने के चक्कर में एक बार पुन: विवाह कर रहे थे। दूसरी और प्रशासनिक अधिकारी अपने कर्तव्य की इतिश्री करने के चक्कर में उन विवाहिक जोड़ों को भी सम्मेलन मे शामिल होने की अनुमति दे दी। आश्चर्य की बात तो यह है कि कई जोड़े तो शादीशुदा होने के साथ साथ बच्चों के माता पिता भी है। इन सब परिस्थितियों के बीच दो दिव्यांग जोड़ों ने भी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ लेकर विवाह किया। सरकार की और से प्रति एक जोड़े को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ लेने पर 25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मिलती है। जिसमे 10 हजार नकद एफडी, 5 हजार रुपए के चांदी के जेवर और बर्तन, 7 हजार रुपए लड़की के खाते मे जमा किए जाते है, और 3 हजार टेंट, विवाह सामग्री तथा भोजन शामिल है। एंव इस सामूहिक विवाह समारोह मे अधिकांश जोड़ आदिवासी थे।
वितरण की गई सामग्री घटिया
जोड़ों को जो सामग्री वितरित की गई वे गुणवत्ता पर खरी नहीं उतरती दिखाई नहीं दी। जोड़ों को 4 हजार रूपये के चांदी के गहने दिए गए, वे गुणवत्ता पर खतरे नहींउतरे। इसके साथ ही जो बर्तन भी दिए गए है वे भी हल्के क्वॉलिटी के दिए गए। कई लोगीं ने टेंडर प्रक्रिया पर भी सवालिया निशान उठाए, जनप्रतिनिधियो का मानना है की टेंडर प्रक्रिया किस समय पूर्ण हुई इस संबंध मे कोई जानकारी नही है इसके साथ ही कार्यक्रम स्थल पर जो व्यवस्थाए की गई उनसे वहां आए जोडे व उनके परिवार वाले भी सतुंष्ट नजर नहीं आए। पीने के पानी की व्यवस्था केवल टैंकर भर कर पूर्ति की गई वही भोजन व्यवस्था के नाम पर पैकेट बनाकर वितरित किए गए। जिसमे मात्र 5 पूड़ी व सब्जी दी गइ, जिसे लेकर भी अंसतोष देखा गया।
विवाह समारोह मे मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक निर्मला भूरिया विशेष रूप से उपस्थित थी। सभी जोड़े का विवाह गायत्री पद्धति से सम्पन्न करवाया गया।
हुई राजनीति
समारोह स्थल पर मुख्यमंत्री के साथ क्षेत्रीय विधायक निर्मला भूरिया का पोस्टर देखकर एवं क्षेत्रीय सांसद कांतिलाल भूरिया का समारोह स्थल पर कोई बैनर या फोटो नहंी पाकर कई कांग्रेेसी कार्यकर्ताओं के द्वारा आयोजकंो के सामने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की। वही लोकसभा उपचुनाव के समय क्षेत्र मे घूम कर मुख्यमंत्री के द्वारा जनता की समस्या का निराकरण करने और शासकीय योजनाओ का लाभ क्षेत्र के अंतिम छोर पर बसे आदिवासी तक पंहुचाने की बात कही थी किन्तु झाबुआ जिले के अधिकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री के नाम से चल रही योजना का पलीता लगाने पर लगे हुए है। जिसके चलते मुख्यमंत्री के द्वारा जिस उद्ेश्य से यह योजना लागू की थी। उसका लाभ पात्र हितग्राही नही मिलते हुए अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा जमकर लीपापोती की जा रही है। कही ऐसा न हो की इसका उल्टा ननीजा राज्य मे भाजपा को देखने को मिले।
-सीएस सोलंकी से चर्चा करने पर बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना तहत आज जो विवाह किए गए है उसका आयोजन जनपद पंचायत की ओर से किया गया था यदि कोई अनियमितता है तो जिम्मेदारो के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। – सीएस सोलंकी, एसडीओ
कुल 250 आवेदन प्राप्त हुए थे किन्तु पूरी छानबीन के बाद पात्र लोगों को इस योजना का लाभ दिया गया।
– वीरेंद्र रावत, सीईओ पेटलावद