राम को श्री राम वनवासियों ने बनाया : फाल्गुनी वैष्णव 

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लोहित झामर, मेघनगर

धर्म जागरण समन्वय और श्री रुद्राक्ष महा अभिषेक समिति द्वारा आयोजित 6 दिवसीय रुद्राक्ष अभिषेक के चौथे दिन बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के वनवासी बंधुओ ने सहभागिता की। 

वनवासी बंधु उत्साह के साथ सुबह और शाम दोनों ही प्रहर में आयोजित रुद्राक्ष महा अभिषेक में सम्मिलित  हुए । धनवंतरी पीठाधीश्वर श्री श्री महामंडलेश्वर 1008 संत श्री सुरेशानंद सरस्वती के मार्गदर्शन, और यज्ञ आचार्य श्री आयुष जोशी के मुखारविंद से प्रतिदिन रुद्राक्ष में अभिषेक संपन्न हो रहा है इस आयोजन में श्री हनुमंत आश्रम पीपलखुटा के महंत श्री दयाराम दास जी महाराज के निर्देश पर बाल ब्राह्मणों द्वारा अपनी सेवाएं प्रदान की जा रही है।  

रुद्राक्ष महाभिषेक के निमित्त आयोजित रामकथा के तीसरे दिन कथाकार कुमारी फाल्गुनी वैष्णव ने वनवासियों की भक्ति को माता शबरी के प्रसंग के माध्यम से बताते हुए कहा कि वनवासियों ने ही राम को श्री राम की उपाधि दी थी। स्वयं भगवान श्री राम ने माता की माता शबरी के झूठे बेर खाकर उनकी भक्ति को प्रणाम किया था कथाकार ने भगवान श्री राम के विवाह जन्मोत्सव से जुड़े प्रसंग और दृष्टांत को विस्तार से बताया।  वर्तमान परिदृश्य में दी जा रही शिक्षा और पश्चिम संस्कृति के बढ़ते प्रचलन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि आज कहीं ना कहीं भारतीय संस्कृति और सभ्यता लोग भूलते जा रहे हैं।  बच्चों को संस्कार देने का काम माता-पिता का होता है, माता-पिता ही बच्चों के पहले शिक्षक होते हैं, बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ अच्छे संस्कार भी देना उनका कर्तव्य है। अच्छे संस्कार धर्म के पालन और धर्म बताएं धर्म द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने से ही आते हैं।  जिस तरह दूसरे धर्म के अनुयाई अपने धार्मिक मान्यता को नहीं छोड़ रहे, उसी तरह हिंदू और सनातनी लोगों को भी अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करना चाहिए। सभी सनातनियों को कम से कम अपने मस्तक पर तिलक लगाने और गले में रुद्राक्ष तुलसी या मोती की माला पहनने का प्रयास करना चाहिए ताकि उसकी पहचान सुनिश्चित हो सके। वर्तमान दौर में लोग इतने कमजोर हो गए है कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों से डर कर अपने भगवान और धर्म बदल रहे हैं। हिंदू धर्म सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया के सिद्धांत को आगे बढ़ता है। हिन्दू धर्म सब का सम्मान करता है और यही हिंदू और सनातन धर्म की सबसे बड़ी खूबसूरती है। इसलिए हमें हमारे धर्म पर गर्व होने के साथ-साथ इसकी रक्षा के लिए भी तैयार रहना चाहिए, क्योंकि विधर्मी ताकते नाना प्रकार के प्रलोभनों से हमारे भाइयों के बीच द्वेषता बढ़ाने का काम कर रही है। बुधवार को भारी बारिश का  अलर्ट होने के बावजूद बड़ी संख्या में आसपास के गाँवो से श्रद्धालु राम कथा श्रवण करने और रुद्राक्ष महा अभिषेक में सम्मिलित होने के लिए पहुंचे।

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