झाबुआ, एजेंसीः महातपस्वी आचार्य महाश्रमणजी की शिष्या साध्वी स्वर्णरेखाजी द्वारा वृहद मंगल पाठ एव नववर्ष कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय दत्त मंदिर मे आयोजित किया गया। इस अवसर पर रतलाम से आगन्तुक सचिन कांसवा ने अपनी भावना रखी, स्थानीय ज्ञानशाला के बच्चो ने कव्वाली के माध्यम से अपनी भावना व्यक्त की। साध्वीश्रीजी ने मंत्रोचारण सहित वृहद मंगल पाठ का श्रवण जनता को करवाया।
साध्वीश्री ने श्रद्धालुओ से कहा कि नव वर्ष अतिरेक हर्ष के साथ स्वयं के दर्ष कराने आया। मंगल प्रभात की स्वर्णिम घड़ी मे व्यक्ति संकल्पों से खुद को सजायें। वर्ष बदल जाता है तिथि, कैलेंडर सब बदल गए किन्तु व्यक्ति की बुरी आदत नहीं बदली। जब तक स्वय के दर्षन करके खुद को भरा नही तो जीवन मे मंगल का बिछौना नहीं बिछ सकता। मैत्री की भावना से खुद को सजाकर वैर, कटुता को भूलेंगे तो चारो ओर हरियाली ही नजर आएगा। प्राणी उर्जा का पिंड हैै, उस उर्जा को सक्रिय बनाने के लिए पुरुषार्थ और घर्म को हाथ मे लेकर गतिशील बनना होगा। गति सूर्य चांद , ग्रह नक्षत्र , वर्ष, तिथि ,तारीख सभी करते है उनकी गति पर हम खुशी मानते है उत्साह मनाते है हम भी अपने लिए यह मंगल भावना संजोयें कि हमारी गति कर्मो को काटने मे शीघ्रता बनाये रखे तथा शीघ्र ही हम मोक्ष सुख को अनुभव करे।
दाहोद, कतवारा, रतलाम , कालीदेवी, राणापूर , थांदला आदि स्थानो के भााई बहनों ने इस नव वर्ष की महामांगलिक मे अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। झाबुआ तेरापंथ संध के सक्रिय सदस्य इस कार्यकम को सुनियोजित बनाने मे जुटे रहें। संघ के अलावा भी अन्य धर्म प्रेमी भक्तो ने इस वृहद मंगल पाठ को सुना। अंत मे सभा की ओर से स्वल्पाहार का ओयाजन भी रखा गया।