रंग आरोहण संस्था ने जनजातीय बच्चों के साथ लगाई रंगमंच की कार्यशाला

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झाबुआ डेस्क। रंग आरोहण अभिनय एवं बहू प्रशिक्षण संस्था द्वारा माधोपुरा झाबुआ में आदिवासी समुदाय के बच्चों के साथ रंगमंच की कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें भील जनजातीय समुदाय के तीस बच्चों ने हिस्सा लिया। यह कार्यशाला पूर्णतः निःशुल्क थीं।

थियेटर कार्यशाला में संस्था के साथ जुड़कर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से स्नातक आयशा चौहान ने बच्चों को रंगमंच से जुड़ी बारीकियाँ सिखायी और अभिनय , सेल्फ़ एवरनेस की ट्रेनिंग से अवगत कराया ,बच्चों को रंगमंच से जुड़ी हुई बारीकियों के बारे में बताया गया। साथ ही वॉइस ट्रेनिंग, सेल्फ़ एवेयरनेस, थिएटर गेम्स, अभियान एम्प्रोवाईजेशन के बारे में बताया। रंगआरोहण के डायरेक्टर शैलेंद्र मंडोड ने बच्चों को भील जनजातीय संस्कृति के बारे भी बताया। हमने प्रतिभागियों को अलग अलग सिचुएशन में कैसे बिहेव करवा चाहिए ये सब अभिनय के माध्यम से समझाया। 

1 अगस्त से 25 अगस्त तक चलने वाली क्लास रोज़ाना लगातार 3 घंटे की होती थी जिसमें बच्चे अलग अलग ऐक्टिविटी करते थे। बच्चे अभिनय के माध्यम से अपने साथ हुई अच्छी और बुरी घटनाओं को सीन क्रिएट कर के बताते थे। संस्था के रवि डामोर और संस्था के संरक्षक राजेंद्र मंडोड लगतार कार्यशाला का आवलोकन करते रहे ! संस्था संरक्षक राजेंद्र मंडोड द्वारा हर दिन बच्चों के लिए स्वल्पाहार की सुविधा भी की गई। कार्यशाला से बच्चों को जोड़ने का काम संस्था के सदस्य धर्मेन्द्र सोलंकी बंटी ने किया घर घर जा कर बच्चों को कार्यशाला से जुड़ने के लिए जानकारी दी। 

रंग आरोहण थियेटर संस्था लगातार रंगमंच से संबधित कार्यक्रम आयोजित करते रहता हैं, जिससे की जो बच्चे स्कूल नहीं जाते और कम उम्र में मज़दूरी करने लग जाते हैं उन बच्चों को कला संस्कृति और रंगमंच से जोड़ कर स्कूल जाने के लिए प्रेरित करना एवं शिक्षा का महत्व बताना ! और जो बच्चे दूसरी असामाजिक चीज़ो में लग जाते हैं उन्हें अपनी जनजातीय संस्कृति से जोड़ कर रंगमंच करवाना जिससे ये बच्चे आसामाजिक कुरीतियो से दूर रहे तथा अपने भविष्य में एक अच्छा नागरिक बन सके , यही हमारी संस्था का उदेश्य हैं और हम आगे भी झाबुआ ज़िले के आसपास की सरकारी और गेर सरकारी स्कूलो में और गाँवों में रंगमंच की कार्यशाला आयोजित करते रहेंगे। 

कार्यशाला में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से पासआउट आयशा चौहान, मध्यप्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा एक्टिंग से पास आउट शैलेन्द्र मंडोड़, ईएमआरसी डीएवीवी और एमपीएसडी से थिएटर आर्ट से पास आउट रविन्द्र मंडोड़। एमपीएसडी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद थियेटर आर्ट से पासकाउट ख्याति मंडोड़ लगातार कार्यशाला लेते रहेंगे। कार्यशाला का समापन 25 अगस्त को हुआ।

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