सरकार चला रही निशुल्क गणवेश योजना, फिर भी चंद्रशेखर आजाद नगर के इस छात्र को 15 अगस्त पर पहनने के लिए 600 रुपए में सिलवानी पड़ी गणवेश

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आरिफ हुसैन, चंद्रशेखर आजाद नगर

आज 15 अगस्त है…आज ही के दिन हमें आजादी मिली थी। लेकिन योजनाओं में किए जा रहे भ्रष्टाचार से आजादी नहीं मिल पा रही। मामला स्कूली विद्यार्थियों को बांटी जाने वाली गणवेश का है। सरकार की मंशा रहती है कि सभी विद्यार्थी स्कूलों में गणवेश पहनकर पहुंचे, लेकिन स्वतंत्रता दिवस पर चंद्रशेखर आजाद नगर विकासखंड की गई स्कूलों में विद्यार्थी रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर पहुंचे। क्याेंकि उन्हें सरकार की योजना के तहत दी जाने वाली गणवेश मिली ही नहीं, जिन्हें मिली उन्हें भी छोटी पड़ गई।

पिता सेसिंग बेटे को लेकर नई गणवेश सिलाने पहुंचा।

यूं तो कई ऐसे मामले हैं, लेकिन ये जो मामला है उसमें आदिवासी विद्यार्थी को ही रुपए देकर गणवेश सिलवानी पड़ी ताकि वह स्वतंत्रता दिवस पर पहनकर स्कूल जा सके। प्राथमिक विद्यालय बेहड़वा में पढ़ने वाले कक्षा 7वीं के छात्र अरविंद ने 600 रुपए देकर गणवेश सिलवाई। वह बुधवार को चंशेआ नगर अपने पिता सेसिंह के साथ पहुंचा। उसने बताया स्कूल से उसे जो ड्रेस दी गई वह उसकी साइज की नहीं है। स्कूल के टीचर को भी बताया लेकिन इसके बाद भी उसे दूसरी यूनिफार्म नहीं दी गई। लिहाजा वह पिता के पास पहुंचा और नया कपड़ा खरीदा, टेलर ने दो घंटे में उसे यूनिफार्म सीलकर दे दी। इन सब पर 600 रुपए खर्च हो गए।

पिता ने कहा ऐसे अधिकारियों का ट्रांसफर करो

अरविंद के पिता सेसिंग से जब इस प्रतिनिधि ने चर्चा की तो उन्होंने कहा जब सरकार सभी बच्चों के लिए स्कूल की गणवेश दे रही है तो उन तक सही तरीके से क्यों नहीं पहुंच रही। उन्होंने कलेक्टर से मांग की कि जो भी विद्यार्थियों का हक खा रहे हैं ऐसे अधिकारियों का ट्रांसफर कर देना चाहिए। उनका कहना है बिना साइज की गणवेश बांटने वालों पर कार्रवाई होना चाहिए। क्योंकि सरकार फ्री ड्रेस बांट रही है लेकिन इसका फायदा नहीं मिल पा रहा। 

राजनीतिक दल भी नहीं उठाते आवाज

पूरे जिले में ही गणवेश को लेकर खेला किया गया है। लेकिन चौकाने वाली बात है कि राजनीतिक दल के नेता भी विद्यार्थियों के हक के लिए आवाज नहीं उठा रहे। ना ही आदिवासी संगठन के लोग इसके लिए आगे आ रहे हैं। ऐसे में इन सभी की भूमिका पर भी सवाल उठना लाजमी है।

माध्यमिक विद्यालय बेहड़ा में 8वीं के छात्र राकेश को भी साइज की गणवेश नहीं।
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