बस स्टैंड पर नवनिर्मित सात दुकानों की नीलामी हुई, दुकान नंबर 5 की नीलामी के बावजूद स्थगित रखी गई 

मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

ग्राम पंचायत आम्बुआ के न्यू बस स्टैंड पर वर्षों से निर्माणाधीन दुकानों के निर्माण के बाद आज 31 जुलाई को जनपद सीईओ एवं नायब तहसीलदार की उपस्थिति में दुकानों की नीलामी की गई मगर 7 में से 5 नंबर की दुकान नीलाम होने के बाद बावजूद उसे स्थगित रखा गया है जिससे नीलामी में प्राप्त करने वाले में भारी आक्रोश देखा जा रहा है तथा वरिष्ठ अधिकारियों के पास जाने की चर्चा है।

            मिली जानकारी के अनुसार आम्बुआ बस स्टैंड पर सामुदायिक भवन के पास वे सात दुकाने जिन्हें निर्माण के समय रोका गया था वर्षों बाद नवनिर्वाचित सरपंच के निर्णय पर पुनः निर्माण किया गया शासकीय नियमानुसार इन सात दुकानों को क्रमशः आ.ज.जा , आ.जा पिछड़ा वर्ग तथा सामान्य वर्ग यानी कि अनारक्षित श्रेणी में रखकर उसी क्रम से नीलामी की गई जिसमें दुकान क्रमांक एक श्रीमती करिश्मा उदयसिंह की अंतिम बोली रुपए 8,23000(आठ लाख तेईस हजार) दुकान क्रमांक दो श्री राहुल कैलाश अंतिम बोली रुपए 9,02000(नौ लाख दो हजार), दुकान क्रमांक 3 की लखन दयाराम रुपए 8,52000 (आठ लाख बावन हजार) तथा दुकान क्रमांक चार  श्री प्रदीप शंकर लाल रुपए 9,18000(नौ लाख अट्ठारह हजार) दुकान क्रमांक 6 श्री विकास रामचंद्र माहेश्वरी रुपए 11,01000(ग्यारह लाख एक हजार) एवं दुकान क्रमांक सात श्रीमती नमीता प्रदीप रुपए 8,07000(आठ लाख सात हजार) में खरीदी गई जबकि दुकान क्रमांक 5 जिसे की श्री गजेंद्र गोपाल राठौड़ ने रुपए 2,05700 हजार की अंतिम बोली में खरीदी थी मगर जनपद सीईओ द्वारा यह कहा गया कि अन्य दुकानों की बोली से इस दुकान की बोली बहुत ही कम है अतः इसे अभी स्थगित रखा जाता है तथा अगला निर्णय लिया जा कर पुनः नीलामी प्रक्रिया की जाएगी बोली लगाने वाले का कहना है कि उसकी अंतिम बोली थी तथा कोई और बोली नहीं लगा रहा था तो दुकान उसे मिलना चाहिए वैसे भी सरकारी बोली का भाव रुपए 2,50000 तथा इसके विरुद्ध रुपए 2,57000 की नीलामी होने के बाद दुकान उसे मिलना चाहिए जिसके लिए संबंधित बोली लगाने वाला वरिष्ठ अधिकारियों के पास जाने की चर्चा कर रहा है भविष्य में क्या और कैसे नीलामी होगी यह प्रशासन की इच्छा पर निर्भर करेगा आज पंचायत प्रांगण में जिला जनपद सीईओ श्री गोपाल शरण प्रजापत, नायब तहसीलदार श्रीमती मंजू डाबर, पंचायत समन्वयक श्री इंद्रसिंह मौर्य, ग्राम सरपंच रमेश रावत, उप सरपंच थानसिंह भयडिया तथा पंचायत सचिव नवलसिंह कनेश पटवारी धर्मेंद्र चौहान आदि उपस्थित रहे।

इनका कहना है

जब नियमानुसार बोली लगी थी तथा बोली लगाने वाले की अंतिम बोली थी तो उसे मिलना चाहिए।

गोविंदा महेश्वरी

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