पशुओं का भूसा हुआ महंगा, पशु मालिक औने-पौने दाम में बेच रहे पशु

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-  घटते जंगल और खेत की और कम ध्यान देने के चलते पशुओं की के लिए भी चारा व भूसे की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। जिसके चलते कई पशु पालक, पशुओं को बेच रहे है। वही कई लोग मंहगे दामों पर पशु चारे की व्यवस्था कर रहे है। जानकारी अनुसार जो पशु चारा दो वर्ष पूर्व तक 2 से 3 रुपए किलो मिलता था उसका भाव आज 7 से 9 रुपए किलो मिल रहा है। यहंा तक की इतना पैसा देने के बाद भी भूसा नहीं मिल पा रहा है।
भूसे के लिए मशक्कत

 भूसे से भरे ओवरलोड ट्रैक्टर प्रतिदिन गुजर रहे 
भूसे से भरे ओवरलोड ट्रैक्टर प्रतिदिन गुजर रहे

अन्य क्षेत्रों के बड़े पशु पालक भूसे के लिए मशक्कत करते हुए क्षेत्र मे देखे जा रहे हैं भूसा प्राप्त करने के लिए थादंला, मेघनगर, झाबुआ समेत राजस्थान व गुजरात के पशु पालक थे्रसर मशीन लाकर किसानो के गेहूं नि:शुल्क निकलवा रहे है। तथा उन्हें साफ कर उनके तक पहुचा रहे है। बदले मे केवल वे भूसा ले रहे है। जिसके चलते किसानो के पास पशु नहीं है। वें इस प्रकार का सौदा कर रहे है। परंतु जिन लोगो के पास पशु है वे अपना भूसा बेचने को भी तैयार नही है।
अधिक लाभ मतलब मिलावट
मिलावटखोरी ने पशुओं के खाने वाले भूसे को भी नहीं छोड़ा, भूसे में भी मिलावट की जा रही है। जानकारों की माने तो भूसे से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए कई लोग इसमे मिलावट भी करते है जिस कारण से मिलावटी भूसे जानकारों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन दिनो क्षेत्र से सैकड़ों भूसे से भरी गाडिये निकल रही है जो की क्षमता से अधिक भी भूसा भर कर ले जा रही है। जिनके उपर भी कोई कार्रवाई नहींकी जा रही है। इसकें साथ ही पशु चिकित्सा विभाग को इस और भी ध्यान देना चाहिए कि कही आने वाले समय मे क्षेत्र में ही भूसे की अधिक कमी नहीं हो जाए और क्षेत्र में पशुओं को ही खाने के लिए पशु आहार न मिले। क्योंकि आने वाले दो माह भीषण गरमी के रहेंगे जिसमे चारों ओर सूखा रहेगा। जिसके लिए क्षेत्र से बाहर जा रहे भूसे पर रोक लगना जरूरी है।

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