थांदला। कहते हैं दादा दादी को अपनी संतानों से अधिक अपने पोते पोतियों से अतिशय प्रेम होता है। संस्कार पब्लिक स्कूल थांदला में धरती पर विधाता की पहचान कहे जाने वाले दादा-दादी का सम्मान बड़े ही अनोखे अंदाज में किया गया। शाला में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर कक्षा नर्सरी से 2nd तक सभी बच्चों के दादा दादी को आमंत्रित किया गया।

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