सर्वे नंबर 203 की चौड़ाई कभी 15 फीट हुआ करती थी, लेकिन लगातार अतिक्रमण के चलते नाला-नाली में तब्दील हो गया

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जितेंद्र वर्मा, जोबट

जोबट नगर के कई हिस्सों में व्यक्ति विशेष द्वारा अतिक्रमण कर कब्जा करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इससे स्वतः ही अंदाजा लगता है कि जिम्मेदारों की अनदेखी हो रही है। लेकिन यही उदासीनता शहर के नाले, सर्वे नंबर 203 को अवैध कब्जों में तब्दील करती जा रही है।

जोबट नगर परिषद प्रशासन की लापरवाही के चलते शहर के वार्ड नंबर 12 चारभुजा चौराहा खट्टाली रोड के पास से एक बहुत पुराना नाला निकलता है जो आगे जाकर डोही नदी में जाकर मिलता है बताया जाता है 80 और 90 के दशक में यह नाला लगभग 15 फिट से अधिक चौड़ा हुआ करता था इस नाले में रुके हुए पानी से लोग खेती किया करते थे अब देखने में यह आता है कि इस नाले के आसपास वह नाले के पास अवैध अतिक्रमण कर लोगों ने अवैध कॉलोनियां वे मकानो का निर्माण कर दिया जिससे लगभग 15 फिट से अधिक चौड़ा नाला 3 से 5 फिट रह गया वहीँ प्रशासन की गाइड लाइन के मुताबिक चाहे नई कालोनी का निर्माण करना हो या किसी अन्य प्रकार का निर्माण करना हो शहरी इलाके में मेन नालों से 9 मीटर दूर निर्माण किया जाना चाहिए,इससे पहले यदि निर्माण किया जाता है तो उसे अतिक्रमण की श्रेणी में माना जाता है।इस नियम को भी दरकिनार कर जोबट नगर परिषद द्वारा अवैध मकान वह कॉलोनी का बनाने का नक्शा पास कर दिया जाता है।

नालों से 9 मीटर दूरी के अंदर के निर्माण को माना जाता है अतिक्रमण

प्रशासन की लापरवाही के कारण शहर के खट्टाली रोड चारभुजा चौराहा से लेकर प्राचीन नाला सर्वे नंबर 203 के आसपास वहां के रहवासियों ने आरसीसी के पक्के पिलर डालकर मकान तान दिए हैं ऐसा ही हाल अर्जुन कॉलोनी दाल मिल नाला के किनारे का भी हैं जहां शासन के नियमों की अनदेखी करके पक्का निर्माण कर लिया गया है प्रशासन के नियमों के मुताबिक नालों के किनारे से 9 मीटर दूर निर्माण कार्य होना चाहिए नालों पर अतिक्रमण के कारण से तेज बारिश में इन नालों का प्राकृतिक बहाव डायवर्ट हो जाएगा इसका खामियाजा आसपास के लोगों को बाढ़ के रूप में उठाना पड़ेगा तेज बारिश होने की स्थिति में आसपास के रहवासियों की जानमाल का भी खतरा भविष्य में हो सकता है।

कोरोना कल से लेकर आज तक नाले पर मकान बनाने का काम जारी

नगरी नाला सर्वे नंबर 203 की चौड़ाई लगभग 15 फीट से अधिक हुआ करती थी, लेकिन लगातार अतिक्रमण के चलते नाला-नाली में तब्दील हो गया हैं। हालात यह है कि अभी भी लोग नगरी नाला 203 पर अतिक्रमण कर रहे हैं इस नालों पर कोरोना कल से लेकर आज तक अतिक्रमण कर मकान बनाने का काम जारी है इस नाला पर कहीं व्यक्ति विशेष के द्वारा अवैध तरीके से नीव भरकर अतिक्रमण कर मकान बना लिया वह कहीं नहीं तो नीव भरकर नाल ही रोक दिया लेकिन प्रशासन का इस और ध्यान ही नहीं है।

सोहन डोडवे वार्ड नंबर 12 के पार्षद का कहना है 80 और 90 दशक में लगभग 15 फीट चौड़ा नाला (खोदरा ) हुआ करता था जब नगर परिषद के द्वारा इस नाले में नाली के लिए नवनिर्माण किया तो नाली सीमित मात्रा में लगभग 4 से 5 फीट चौड़ाई के अंदर बना गया बाकी बची हुई शासकीय भूमि पार आसपास के लोगों के द्वारा कब्जा कर लिया गया कई लोगों ने तो उसे नलों पर अवैध अतिक्रमणकर मकान बना लिया कहियो ने उसे आधा जमीन पर प्लांट काट कर बेचा दिया जब के शासन प्रशासन का नियम यह कहता है कि नालों से 9 मीटर दूर निर्माण करना चाहिय लेकिन प्रशासन का इस और ध्यान नहीं है।

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