चिटफंड कंपनी के जरिये झाबुआ-आलीराजपुर और आसपास के लोगों के लाखाें रुपए हड़पने वाले आरोपियों को मिली सजा, देखिए कहां से आया फैसला

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झाबुआ डेस्क। प्रज्ञा डेयरी एंड एग्रो लिमिटेड कंपनी रतलाम के संचालकों को निवेशकों के रुपए हड़पने के मामले में न्यायालय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश रतलाम ने 10-10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 25-25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। बनी (रायपुरिया) के रहने वाले दो आरोपियों ने रतलाम में कंपनी डालकर निवेशकों को रुपए डबल करने का लालच दिया था। लेकिन निवेशकों को रुपए नहीं लौटाए। जिन्हें राशि के चेक दिए थे वह भी बाउंस हो गए थे। 

पूनम पिता रणछाेड़दास (52) निवासी ग्राम बनी तहसील पेटलावद और नानालाल पिता नारायण (56) निवासी ग्राम बनी तहसील पेटलावद ने वर्ष 2016 के पहले प्रज्ञा डेयरी एग्रो लिमिटेड के नाम से एक कंपनी रतलाम में डाली। इसमें लोगों को पांच साल में रुपया डबल करने और साथ में बीमा देने का लालच दिया। उन्होंने कई लोगों के लाखों रुपए अपनी कंपनी में निवेश करवा दिए। लेकिन इसके बदले ठीक से सेवा नहीं दे पाए। निवेशकों को राशि की रसीद भी दी गई थी लेकिन समय पूरा होने से पहले ही कंपनी डूब गई। मामले में रतलाम निवासी सुरेश पाटीदार व अन्य निवेशकों ने माणक चौक थाना रतलाम में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने धारा 406, 409, 420 (13 काउंट) तथा मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 की धारा 6 में प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच शुरू की थी। जांच में रतलाम, झाबुआ व आलीराजपुर जिलों के निवेशकों से पॉलिसियां जब्त को और बयान लिए। लगभग 41 निवेशकों के बयान हुए। इनके आधार पर न्यायालय ने आरोपी पूनमचंद पाटीदार तथा नानालाल पाटीदार दोनों को 10-10 साल की सजा और 25-25 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। 

पशु चिकित्सक था आरोपी पूनमचंद्र, नौकरी छोड़ शुरू की थी कंपनी

आरोपी पूनमचंद्र पाटीदार पेटलावद तहसील में पशु चिकित्सक था। जब कंपनी खोलने का प्लान बनाया तो उसने नौकरी छोड़ी और अपने परिचित नानालाल के साथ मिलकर कंपनी खोली। दोनों ने लोगों के पास जाकर उन्हें रुपए डबल होने का झांसा दिया और लाखों रुपए इन्वेस्ट करा लिए थे।

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