आंवला नवमी पर अम्बे माता को छप्पन भोग लगाकर अन्नकूट महोत्सव मनाया

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

विगत दिनों से धार्मिक स्थलों पर अन्नकूट महोत्सव मनाया जा रहा है दीपावली के बाद यह आयोजन होते हैं अन्नकूट का तात्पर्य हिंदू सनातन धर्म में वर्षा काल के चार माह में जिन खाद्य सामग्रियों का भोजन में निषेध किया गया है वह सभी सामग्रियों को दीपोत्सव बाद सभी को एकत्र कर मिश्रित कर एक साथ बनाया जा कर देवी देवताओं को समर्पित कर यानी कि भोग लगाने के बाद प्रसादी के रूप में ग्रहण कर प्रतिदिन भोजन में वे सामग्रियां शामिल कर ली जाती है इसी क्रम में तिथियों के अनुसार अन्नकूट मनाया जाता है अमावस के बाद की पड़वा से यह कार्यक्रम जारी रहकर आंवला नवमी तक अन्नकूट मनाया जाता है।

आम्बुआ में टेकरी वाली अंबे माता तथा शिवालय प्रांगण में स्थित अंबे माता मंदिर में आंवला नवमी को अन्नकूट मनाया गया टेकरी वाली अंबे माता मंदिर में मां पार्वती मेमोरियल स्कूल के संचालक माहेश्वरी परिवार द्वारा छप्पन भोग की प्रसादी माता जी को अर्पित की गई इसी के साथ अन्नकूट की प्रसादी अर्पित कर पुजारी आत्माराम भूरिया ने महा  आरती की तथा महा प्रसादी का वितरण किया गया शंकर मंदिर प्रांगण में दीपक रमेश राठौड़ द्वारा अन्नकूट का आयोजन किया गया।

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