मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
विगत वर्षों क्षेत्र में वर्षा कभी औसत से कम तो कभी औसत बारिश होती आ रही है इस बार नदी नालों तालाबों कुओं का पानी गर्मी से पूर्व ही सूख जाता था जिस कारण लगभग चार-पांच माह तक पानी की किल्लत से जूझना पड़ता था इस वर्ष भी क्षेत्र में पुनः अल्पवर्षा के कारण सूखे की स्थिति बनती जा रही थी मगर क्षेत्र वासियों की प्रार्थना काम आई तथा जाते-जाते इतनी अधिक बारिश हो गई की नदी नाले तालाब कुएं सब लबालब हो गए। भविष्य में जल संग्रह हेतु बोरझाड़, खुटाजा में तीन बैराज निर्मित किए गए जिनमें अथाह जलराशि संचित हो रही है।

जानकारी के अनुसार क्षेत्र में विगत कई वर्षों से सूखे की स्थिति बनती रही जिसको देखते हुए जल संग्रह हेतु करोड़ की लागत से समीप ग्राम बोरझाड़ में हथनी नदी पर दो बैराज निर्मित किए गए एक बैराज खुटाजा में भी बनाया गया। हमारे प्रतिनिधि ने इन तीनों बैराजों को देखा तो पाया कि इनमें संचित (संग्रहित) जलराशि अथाह होकर इनका बैंक वाटर लगभग 2 किलोमीटर तक फैला हुआ है बैराज नंबर एक का जल शंकर मंदिर से आगे जाकर पुराने पुल तक फैल गया। ऐसा अथाह जल वर्षा काल में तब देखा जाता था जब अधिक वर्षा के कारण नदी में बाढ़ की स्थिति बनती थी यह स्थिति कुछ घंटे या एक-दो दिनों तक रहती थी मगर वर्तमान में संचित जल अभी आगामी महीना तक रहने की संभावना बताई जा रही है।
