हाथीपावा पर 15 हजार ग्रामीणों ने किया हलमा
झाबुआ लाइव डेस्क। जहां विश्व ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से जूझ रहा है तो वहीं जिले के आदिवासियों की परंपरा हलमा के तहत आज 3 घंटे तक एक साथ 15 हजार लोगों ने श्रमदान कर जल संरक्षण के लिए हजारों की संख्या में कंटूर ट्रेंच खोद दिए। यह देश एवं विश्व के लिए एक संदेश है कि सामूहिक श्रम में वह शक्ति है जिससे बड़ी-बड़ी समस्याएं चुटकी में हल की जा सकती है।
आदिवासी परंपरा हलमा के माध्यम से शिवगंगा अभियान ने पूरे विश्व को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि सामुहिक श्रमदान किस प्रकार से बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान कर सकता है और इसके लिए शिवगंगा अभियान ने दो दिवसीय आयोजन किया जिसमें देश के कई संस्थाओं एवं धार्मिक मठों के संतों ने शामिल होकर इस हलमा को देखा और जिस प्रकार से देखते ही देखते हाथीपावा की पहाड़ी पर हजारों की संख्या में कंटूर ट्रेंच का निर्माण हो गया। यह एक उदाहरण बन चुका है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए सामाजिक कार्यकर्ता एवं पर्यावरण विदो ने ऊंची-ऊंची पहाडिय़ों पर जिस प्रकार ग्रामीणों को नि:स्वार्थ भाव से कार्य करते देखा उससे वे काफी प्रभावित हुए। इस अभियान से जुड़े हुए लोगों का मानना है कि इस जिले के वनवासी ग्रामीण किसान है और वे धरती को माता मानते है और इस समय जो पर्यावरण की समस्या चल रही है उसे वे यह मानते है कि धरती माता प्यासी हो गई है और इसकी प्यास बुझाने के लिए वर्षा का पानी संग्रहण करना होगा तभी वे अपनी आने वाली पीड़ी के लिए धरती माता को सुरक्षित रख पाएंगे। यही सोच और शिवगंगा अभियान का साथ मिलने पर वे खुशी-खुशी हलमा करने के लिए तैयार रहते है और बड़ी-बड़ी पहाडिय़ों पर कंटूर ट्रेंच बनाकर पानी को रोकने का कार्य कर रहे है।
सुबह से दिखा उत्साह
दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार सुबह कॉलेज मैदान पर एकत्रित लगभग 15 हजार ग्रामीण जिनमें महिला, पुरूष, वृद्ध एवं बच्चें शामिल है। वे अपने-अपने गैती-फावड़े, तगारी लेकर तैयार थे और इस अभियान के अंतर्गत सुबह से उत्साह पूर्वक हाथीपावा की पहाडिय़ों पर पहुंच गए जहां पर अपने नेतृत्व कर्ताओं द्वारा बनाए गए सभी ब्लॉकों में अपनी पहचान के झंडे के नीचे पहुंचे और कंटूर ट्रेंच बनाना शुरू कर दिया।
ऐसे हुआ आयोजन सफल
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की जानकारी देते हुए शिवंगगा के राजाराम कटारा एवं भंवरसिंह भयडिय़ा ने बताया कि उक्त कार्यक्रम शिवगंगा प्रमुख महेश शर्मा के निर्देश में किया गया जिसके तहत इन दिनों कार्यक्रम में हिस्सा लेने कार्यकर्ताओं का पंजीयन किया गया। उन्हें अलग-अलग रंगों के पंजीयन बेंच प्रदान किए जा रहे है। कार्यकर्ताओं के लिए भोजन का प्रबंध किया जा गया जिसमें शहरी कार्यकर्ता राजेश मेहता, उल्लास जैन, सुशील शर्मा, विकास शाह, पंकज मेहता, विकास कटारिया, महेश शाह, पंकज टेलर, अजय पंवार, अब्दुल रहीम ‘अब्बू दादाÓ आदि लगे हुए हुए थे। मंगलवार सुबह 7 बजे सभी 12 हजार कार्यकर्ता हाथीपावा की पहाडिय़ों पर पहुंचे जहां दोपहर करीब 12 बजे तक उनके द्वारा पहाडिय़ों पर जल संरचनाओं का निर्माण किया गया। कार्यकर्ताओं को 10 भागों में बांटा गया और वे अपने निर्धारित ध्वज के अनुसार वहां पहुंचकर श्रमदान कर कंटूरों का निर्माण किया। साथ ही पुराने कंटूरों का भी पुर्न निर्माण किया गया। शिवजी का हलमा कार्यक्रम में कनेरी मठ (महाराष्ट्र) से काडसिद्धेश्वर स्वामीजी, ग्राम सेमल्या से कानूजी महाराज, भारत विकास संगम के राज्यसभा सदस्य बसवराजजी पाटिल के अलावा इंदौर, गुजरात, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ से करीब 70 विशेष आमंत्रित सदस्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इसके अलावा उक्त कार्यक्रम में राजनैतिक पार्टियों से जुड़े पदाधिकारियों, सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सदस्य, मीडियाकर्मी, अधिकारी-कर्मचारीगण, गणमान्य नागरिक भी अपनी सहभागिता की।