झाबुआ लाइव डेस्क। जिस प्रकार से देश की सुरक्षा में लगे सैनिक अपनी
बंदूक को लेकर गर्व महसूस करते है, उसी प्रकार किसानों के लिए भी अपनी गैती गौरवशाली है। किसान जब गैती-फावड़ा लेकर निकलता है तो वह लोगों की भूख को शांत करने के लिए खेतों में अनाज उगाता है। वर्तमान समय में विश्व में जो ग्लोबल वार्मिंग की समस्या है तो उससे निपटने के लिए जिले के किसानों एवं वनवासियों ने अंचल का पारंपरिक हलमा के जरिये इसका हल ढूंढ लिया है और वे इसके लिए गैती लेकर धरती माता की प्यास बुझाने के लिए निकल पड़े है। शिवगंगा द्वारा शिवजी का हलमा कार्यक्रम सोमवार से प्रारंभ हो चुका है। इसी कड़ी में कॉलेज मैदान से गैती यात्रा निकाली गई। जिसके बाद धर्मसभा का आयोजन किया गया। गैती यात्रा शहर के कॉलेज मार्ग, राजवाड़ा चौक, लक्ष्मीबाई मार्ग, रूनवाल बाजार, थांदला गेट, मेन बाजार, बस स्टैंड होते हुए पुन: मेन बाजार, थांदला गेट, बाबेल चौराहा, आजाद चौक, भोज मार्ग होते हुए पुन: कॉलेज मैदान पर पहुंची जहां धर्मसभा को शिव गंगा प्रमुख महेश शर्मा एवं अन्य संतों द्वारा संबोधित किया। साथ ही रात्रि साढ़े 9 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अंर्तराष्ट्रीय कलाकार बाबा सत्यनारायण मोर्यजी द्वारा भीली भाषा में अपनी प्रस्तुति दी। शिवजी का हलमा कार्यक्रम में कनेरी मठ (महाराष्ट्र) से काडसिद्धेश्वर स्वामीजी, ग्राम सेमल्या से कानूजी महाराज, भारत विकास संगम के राज्यसभा सदस्य बसवराजजी पाटिल के अलावा इंदौर, गुजरात, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ से करीब 70 विशेष आमंत्रित सदस्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इसके अलावा उक्त कार्यक्रम में राजनैतिक पार्टियों से जुड़े पदाधिकारियों, सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी एवं सदस्य, मीडियाकर्मी, अधिकारी-कर्मचारीगण, गणमान्य नागरिक भी अपनी सहभागिता की। 15 मार्च मंगलवार को सुबह 7 बजे सभी 12 हजार कार्यकर्ता हाथीपावा की पहाडिय़ों पर पहुंचेंगे। जहां दोपहर करीब 12 बजे तक उनके द्वारा पहाडिय़ों पर जल संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। वहां पहुंचकर श्रमदान कर कंटूरों का निर्माण करेंगे। पुराने कंटूरों का भी पुर्न निर्माण किया जाएगा।