जोबट में फिर एक व्यापारी हुआ ऑनलाइन ठगी का शिकार….

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जितेंद्र वर्मा@ जोबट

ऑनलाइन ठगी के रोजाना नए मामला सामने आते हैं। साइब्रर फ्रॉड के जरिए ठग आपको बैठे-बैठे चुना लगाते हैं। आपकी मेहनत की मोटी और गाढ़ी कमाई मिनटों में छूमंतर हो जाती है। साइबर ठग आपकों अपने जाल में फंसाते हैं और आप उन्हें अपने बैंक खातों से जुड़ी निजी जानकारी साझा किया। आजकल लोग बहुत सारी अन्य सेवाओं के साथ-साथ ऑनलाइन कैब की बुकिंग, बैंकिंग, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से कुछ खरीदना, इत्यादि का इस्तेमाल करते हैं। इन सबके इस्तेमाल के दौरान साइबर ठग हमें चूना लग देते हैं। ऐसे ही एक मामला जोबट नगर में हुआ जहां एक नारियल के थोक व्यापारी वोजेफा जाफर हुसैन को ऑनलाइन ठगोन निशाना बनाया

जोबट के व्यापारी ओजेफा ने बताया कि कुछ दिन पहले मुझे एक व्यापारी का इस नंबर से 8881260438 फोन आया वह मुझे नारियल के रिक्वायरमेट पूछी गई जैसे कि हर बार व्यापारी में अन्य व्यापारियों के साथ भी होता आया है मेरे द्वारा रिक्वायरमेट के बारे में बताया गया तो मुझे माल भेजने के लिए सामने वाला तैयार हो गया मुझे थोड़ी देर में जीएसटी प्रिंट बिल भेजा गया जिसमें माल के विगत तथा राशि अधिक का उल्लेख था मेरे द्वारा बिल के निरीक्षण कर राशि रुपए 25,500/ फोन पे से रुपए डाल दिए फिर उसके बाद फिर कुछ समय बाद 9651178850से फोन आया कि मेरी गाड़ी मैं कुछ तकनीकी खराबी हो गई है जिस कारण से मेरी गाड़ी धूलिया में खड़ी है गाड़ी सुधारने वाले को 22, 000 रुपए देना है मैं जोबट में आकर रुपए देता हूं इस प्रकार से मेरे से उक्त कथित व्यापारी ने अलग-अलग नंबर से कॉल किया है और रुपए 47,500 रुपए ऑनलाइन पेमेंट डलवा लिया कुछ समय बीत जाने के बाद मेरे द्वारा उसे व्यापारी को फोन से संपर्क करने के बाद भी वह मेरा फोन रिसीव नहीं किया 5 दिन बीत जाने के बाद मेरे द्वारा अलीराजपुर पुलिस मुख्यालय में साइबर सेल में शिकायत की गई।

एफआईआर क्यों नही???

सवाल यह उठता है कि अगर किसी के साथ धोखा या ठगी होती हैं तो उस पर पुलिस विभाग द्वारा एफआईआर क्यों नही की जाती। जबकि ऑनलाइन ठगी के करने वाले के मोबाइल नम्बर भी चालू है और उनको पकड़ा भी जा सकता है, पर लगता हैं पुलिस अपराध न दर्ज कर कार्यवाही से बचना चाहती हैं।

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