तपस्वी सुरभि श्रीमाल ने की 33 उपवास की तपस्या पूर्ण

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थांदला। आचार्यश्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती साध्वी निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी, दीप्तिजी ठाणा- 4 पौषध भवन स्थानक पर सुखसाता पूर्वक विराजित है। साध्वी मंडल के सानिध्य में यहां प्रात: राई प्रतिक्रमण, प्रार्थना के बाद व्याख्यान प्रात: 9 से 10 बजे तक, दोपहर में वाचनी, ज्ञान चर्चा, शाम को देवसीय प्रतिक्रमण, कल्याण मंदिर, चौबीसी व गुरु गुणगान आदि विविध आराधनाएं हो रही है। जिसमें श्रावक, श्राविकाएं व बच्चें उत्साहपूर्वक अपने अपने समय एवं यथा शक्ति आराधना कर रहे है। श्रावक वर्ग का प्रतिक्रमण दौलत भवन पर व श्राविका वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर हो रहा हैं। यहां श्रीसंघ में त्याग तपस्या का दौर निरंतर जारी है। आराधक तपस्या में रम रहे है।

इस प्रसंग पर तपस्या के क्रम में केवल अचित जल के आधार पर निराहार रहते हुए तपस्वी सुरभि पंकज श्रीमाल ने 33 उपवास मासक्षमण व जीतिशा लुक्कड ने 23 उपवास की कठोर तपस्या पूर्ण की । वे पूर्व में कई तपस्या पूर्ण कर चुकी है । श्री ललित जैन नवयुवक मण्डल के अध्‍यक्ष रवि लोढा व कोषाध्‍यक्ष अखिलेश श्रीश्रीमाालने बताया कि वर्षावास का यह तीसरा मासक्षमण पूर्ण हुआ। मासक्षमण तपस्वी सुरभि श्रीमाल व जीतिशा लुक्कड के तप के अनुमोदनार्थ दोनो तपस्वीयों की जयकार यात्रा निकली । यात्रा में बडी संख्या में श्रावक श्राविकाएं एवं बच्चे शामिल हुए । यात्रा प्रमुख मार्गो से होती हुई पौषध भवन पहुंची । यहाँ आयोजित बहुमान समारोह को साध्वी निखिलशीलाजी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि तप करना कोई सरल बात नही है। मन मजबूत होता है तो ही तप आराधना होती है । तप से कर्मो का क्षय होता है । साध्वीजी ने तपस्वी व तपस्वी के परिवार को खूब खूब धन्यवाद दिया। साध्वी प्रियशीलाजी व दीप्तिजी ने भी सभा को संबोधित करते हुए तपस्वी के तप की खूब खूब अनुमोदना की।

तपस्वी सुरभि श्रीमाल का श्रीसंघ की और से रवि गादिया ने 11 उपवास से, व जीतिशा लुक्कड का कला खेमसरा ने 5 उपवास की बोली लेकर शाल ओढाकर माला पहनकर बहुमान किया । श्रीसंघ की ओर से तपस्वी सुरभि श्रीमाल को अभिनन्दन पत्र भी भेट किया गया। तपस्वी का श्वेाताम्बंर मूर्तिपूजक जैन श्रीसंघ, तेरापंथ सभा, श्री ललित जैन नवयुवक मण्डल, श्री धर्मलता जैन महिला मण्डल व अ.भा. चंदना श्राविका संगठन डूंगर प्रांत आदि विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संस्थाओ ने भी तपस्वी का बहुमान किया। साथ ही गादिया परिवार, घोडावत परिवार व भंसाली परिवार सहित कई परिवारों द्वारा भी बहुमान किया गया। सभा में श्रीसंघ के पूर्व अध्यक्ष भरत भंसाली ने श्रीसंघ की ओर से तपस्वीयो को उनके तप के लिये खूब खूब धन्यवाद दिया व मंगल कामना व्यक्त की । सभा में रूपल श्रीमाल, मोक्ष श्रीमाल व आगम श्रीमाल ने स्तवन प्रस्तुत किया व अवधि श्रीमाल ने अपने विचार व्यक्त किये। संचालन श्रीसंघ के सचिव प्रदीप गादिया ने किया ।

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