खारिज हुआ मंडी अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

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झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-

 कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पर्याप्त मत न मिलने खारिज हो गया। भाजपा संगठन द्वारा पुर्व मे नगर परिशद मे भी उपाध्यक्ष के खिलाफ लाये अविश्वास प्रस्ताव के बाद सख्त कदम न उठाये जाने के कारण दुबारा अविश्वास की मार झेलनी पडी । जिसमे फिर से कामयाबी तो मिली मगर पार्टी चल रही गुट बाजी फिर से उजागर हुई।  कांग्रेस एवं भाजपा के कुछ पार्षदों द्वारा मंडी अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव हेतु विषेश सम्मेलन करवाने कि मांग कि गई थी जिस कलेक्टर झाबुआ द्वारा विषेश सम्मेलन बुलाकर अविश्वास प्रस्ताव हेतु मंडी के सदस्यों अविश्वास पर मतदान करावाने का आदेश एसडीएम आरएस बालोदीया को दिया।
  7 मत अविश्वास प्रस्ताव के  पक्ष मे  
अविश्वास प्रस्ताव हेतु बुलाए इस विषेश सम्मेलन निर्वाचन अधिकारी आर.एस. बालोदीया, तहसिलदार श्री राही एवं मंडी सचीव अनिल कुमार ओझले की उपस्थीती मे सम्पन्न हुआ। अविश्वास प्रस्ताव को पारित करने हेतु 75 प्रतिशत मतदान पक्ष मे होना था। कुल 12 मंडी के निर्वाचीत सदस्य इस हेतु मतदान करना था अब प्रस्ताव पारित करने हेतु 12 मंडी सदस्यों मे 8 मत अविश्वास के पक्ष मे गिरना था मगर पक्ष मे 7 व विपक्ष 5 मत गिरे जिससे मंडी अध्यक्ष मन्नु डामोर के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिच हो गया व निर्वाचन अधिकारी श्री बालोदीया ने अविश्वास प्रस्ताव निरस्त होने की घोषणा की ।
 भाजपा ने की आतिशबाजी 
अविश्वास प्रस्ताव के खारिच होन कि खबर आते ही भाजपा खेमे  ने जमकर आतिशबाजी कि व मंडी से अष्ट हनुमान मंदीर बावडी तक जुलुस निकाला गया। अष्ट हनुमान मंदीर बावडी पर मन्नु डामोर को विधायक कलसिंह भाबर, दिलीप कटारा, जिला मंत्री गणराज आचार्य, मंडल अध्यक्ष बंटी डामोर, पार्षद अमित शाहजी माला पहना कर मन्नु डामोर को बधाई दी। मन्नु डामोर ने कहा यह कुछ लोगो द्वारा षड़यत्र पुर्वक अविश्वास  मेरे खिलाफ नही भाजपा के खिलाफ लाया गया था जो खारिच हुआ ओर यह जित भी भाजपा की ही है। अवसर पर मोहन गवली ,राजेश बरमेचा , बालु खडिया  सहीत मंडी सदस्य एवं बडी सख्या मे भाजपा कार्यकर्ता उपस्थीत रहे ।
काष भाजपा संगठन ने पुर्व मे ही सिख ली होती
नगर परिशद मे लाये गये अविष्वास के समय भी भाजपा के अध्यक्ष एवं पार्शदों ने संगठन से बगावत कर सम्मेलन करवाया था उसी तर्ज पर आज मंडी सदस्यों ने भी पार्टी से बगावत कर संगठन के नियमों का ताक पर रखते हुए अविष्वास प्रस्ताव ले आयें, मालुम है आगे पिछे होना तो कुछ है नही जैसे नगर परिशद मे नही हुआ । उसी समय अगर भाजपा संगठन ने सख्त कदम उठाये होते तो दौबारा ये नोबत नही आती । संगठन की उदासिनता के चलते न जाने ओर कितने अविष्वास प्रस्ताव को झेलने बाकी है।
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