शिवगंगा गुरुकुल धरमपुरी में आयोजित हुई शिवगंगा जिला योजना की बैठक

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विपुल पांचाल@ झाबुआ

21 साल की समीक्षा के बाद गत 11 साल 5 महीने के अनुभवों के बाद इस वर्ष से.शिवगंगा ने ग्रामविकास के लिए काम के आवश्यक 18 विभाग बनाये हैं। संवर्धन से समृद्धि के जल, जंगल, जमीन, जानवर, नवविज्ञान और जनसंवर्धन के 6 विभाग तो पहले ही थे अब ग्रामविकास केलिए 12 तरह के काम और भी जरूरी हैं। भारत में वन विभाग के कानून भी गाँव के विकास में बहुत बड़ी बाधा है, सन् 2006 मे बने सामूदायिक वन अधिकार के अंतर्गत गाँव को समूदायिक वन के अधिकार मिलना, स्वच्छ गाँव से स्वस्थ परिवार, घर घर फलदार और स्वास्थ्यकर फौधे लगाना। मातावन को पुनः हराभरा बनाने के लिए गाँव की सक्रिय सहभागिता, गाँव की उन्नति में सहायक परंपरागत विशेषताओं का संरक्षण करना, गाँव को रोजगार के लिए युवाओं में सामाजिक उद्यमिता का वातावरण, कृषि उपज की मार्केटिंग, ट्रेडीशनल उद्यमों को पुनर्जीवित करना इस तरह के 18 काम करने.लिए कार्यकर्ता हो गये हैं।

जिला योजना बैठक कलदोपहर तक चलेगी।

बैठक में सर्वश्री राजाराम कटारा, भवरसिंह भयड़िया, रम्मू वाखला, मानसिं भाई निनामा, रमे डामोर, ओंकार बा गामड़, जयसिंह भाई मुणिया, दिनेश चारेल, पूनम साय झीतराभाई भूरिया, हरिभाई सिंगाड, भूनसिंह भाबोर, जालम सिंह मेड़ा, श्रीमती सुरती बाई, संगीता डामोर, शान्ति बवेरिया, अनीता डावर, पूजा वाखला, रंगा गरवाल, राजेन्द्र डिंडोड़, प्रकाश मखोड़िया, शंकर भूरिया, धनसिंह भाई भूरिया आदि ऐसे सभी दो सौ से अधिक कार्यकर्ता उस्थित हैं।

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