अतिक्रमण के नाम पर छिना गरीबो का सहारा
झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठोड़ की रिपोर्ट
विकलांग दम्पती का रो-रो कर हुआ बुरा हाल
सोमवार से प्रारंभ हुई अतिक्रमण मुहिम बुधवार को भी जारी रही। अतिक्रमण दस्ते के द्वारा अतिक्रमण हटाने की शुरूवात गांधी चोक से रूपगढ़ रोड़ की ओर लगी हुई गुर्मटीयों से प्रारंभ हुई। इस क्षेत्र में अधिकांश गुमटीधारी गरीब तबके के लोग व्यवसाय करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते है। किन्तु नगर में अतिक्रमण की जमीन पर बनी हुई बड़ी बिल्डींगे अतिक्रमण दस्ते को दिखाई नही दी ओर कमजोर वर्ग पर अपना प्रशासनिक रोब दिखाते हुए। इस क्षेत्र के सभी गुमटिधारीयों की गुमटियों को प्रशासन के द्वारा हटवा दिया गया।
पुर्व आयएएस ने बिठाया था गुमटिधारीयों को
कुछ वर्षो पुर्व जब नगर में नगर परिषद के द्वारा सब्जी मण्डी एवं नगर पंचायत की दुकाने बनाकर पुंजीपतियों को को आवंटित किया था तब इन स्थानों पर काम करने वाले गरीब तबके को संतुष्ट करने के लिए ट्रेनिग पर आये आयएएस अधिकारी संकेत भोंडवे के द्वारा इन गरीब लोगो को व्यवसाय देकर रूपगढ़ रोड़ पर स्थापीत किया था। आज इन गुमटिधारीयों ने प्रशानिक अमले के सामने उन्ही आयएएस अधिकारी का हवाला देकर गुमटि नही हटाने का निवदेन किया। कई बार भीड़ ओर अधिकारीयों की नोक झोंक भी हुई। किन्तु गरीबो की रोजी-रोटी का साधन मिटाने पर आमादा नगर परिषद के अमले ने गुमटिधारीयों की गुमटि में रखे सामन के सहित गुमटियों को नष्ट कर दिया। जिससे गुमटी में रखा सामान सड़क पर फैल गया। जिसको गरीब गुमटीधारी के बगो समेटते दिखे। वहीं विकलांगो के लिए व्यवसाय की व्यवस्था की जगह गरीब आदिवासी विकलांग दम्पती की गुमटी को भ्ज्ञी उखाड दिया ओर इन विकलांगो की पीड़ा यह थी कि सड़क पर फैले सामान को उठाने की भी स्थिती में विकलांग दम्पती नही थे। इस प्रकार के विहंगम दृश्य को देकर गरीब लोगो की आंखो से बर्बश आंशु बह रहे थे।
गरीबो के नेता रहे गायब
गरीबो एवं आदिवासीयों की हितो की लड़ाई लडऩे ओर खुदको गरीबो का सेवक बताने वाले दोनो प्रमुख राजनितिक पार्टीयों भाजपा व कांग्रेस के नेता जोकि इन गरीब लोगो के वोटो से अध्यक्ष, विधायक व सासंद बनकर बेठे है जिनको गुमटिधारीयों के द्वारा मंगलवार को ही अपनी पीड़ा बाता दी थी। ओर स्वयं नगर परिषद के अध्यक्ष पति के द्वारा गरीबो को आस्वस्थ भी किया था किन्तु बुधवार को अतिक्रमण अमले के आने पर गुमटीधारीयों के द्वारा अध्यक्ष संगीता भण्डारी से संपर्क करना चाहा तो उनका मोबाईल बंद था। साथ ही विधायक महोदया निर्मला भूरिया से सम्र्पक स्थिापीत नही हो पाया तो वहीं रतलाम-झाबुआ के कांग्रेसी सांसद कांतीलाल भूरिया का कोई भी कांग्रेसी प्रतिनिधि इस क्षेत्र में दिखाई तक नही दिया। इस तरह से विपत्ती के समय गरीब गुमटीधारी खुद को ठगा सा महसुस करते रहे।