जिंदगी बहुत छोटी है शांति से क्यों न जिए : कल्याणरत्न विजय

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बामनिया (झाबुआ)। हमारी जिदंगी बहुत छोटी है,क्यो न हम उसे शाँति से जिये,प्रसन्नता, समाधि से क्यो न जिये,इसके बिना जिदंगी ही नही है ! हमारे पास कसाय है,क्योकि हमारे पास समय नही है, हम क्यो मगजमारी करे दुनिया को समझाने की,अपने दिल को समझाओ,क्योकि जो दुनिया को समझाता है वह दुःख ओर दुर्गति ही पायेगा।

उक्त उदगार महती सभा को सबोंधित करते हुए गणिवर्य कल्यानरत्न विजयजी महाराज साब ने वर्धमान स्थानक भवन में प्रवचन देते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा दिल को समझाओगे तो सदगति एवं सुख पाओगे,जिसका दिल शांत उसके पास दुनिया का सुख है ! जिस प्रकार महात्मा का दिल शांत होता है तो वह सदैव आनंद में रहते है, दिल शांत नही तो प्रॉब्लम  ही प्रॉब्लम है, आप को शांत रहना है तो अधिक की चाह को छोड़ना होगा, आपको जीवन मे लक्ष्य चाहिये या सुख चाहिये, हमे लक्ष्य नही सुख के लिए जिना है, किसी की बडी गाड़ी देखकर अपने आपको विचलित नही करना है !दुनिया के चक्कर मे पढ़कर में अपनी शांति क्यो खोऊँ, सबकुछ करने के बाद शांति मिले तो आज से ही शांति में क्यो न जियूँ ,हमे हर रोज अपने आपके लिये 5 मिनिट निकालना है, आगर समय नही है तो टेंशन क्यो है, आकड़ो के चक्कर मे टेंशन क्यो है,सीरियस है तो टेशन क्यो है, सबकुछ करने के बाद सुख मिले तो आज से ही सुखी क्यो ने रहे। 

प्रवचन के पूर्व कल्यानरत्न विजयजी महाराज आदि ठाणा 55  एवं 20 मुमक्षुओ का नगर में भव्य बेंडबाजो के साथ प्रवेश हुवा, जगह जगह गवहली की गई ! नगर भृमण पश्चात प्रवचन हुवे, श्री संघ द्वारा प्रभावना बाटी गई।

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