स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों का योगदान विषय पर शिवगंगा द्वारा आयोजित संगोष्ठी

अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य अनंत नायक रहे मुख्य अतिथि

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विपुल पांचाल/झाबुआ

शिवगंगा द्वारा कल ‘स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों का योगदान और जनजाति समाज की समृद्धि में हमारी भूमिका’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासन के विभिन्न विभागों में कार्यरत जनजाति समाज के अनेक कर्मचारी इस संगोष्ठी में शामिल रहे। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य एवं ओड़िसा में रहे पूर्व सांसद अनंत नायक जी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल रहे, डॉक्टर अम्बेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर रामदास अतराम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, देवी अहिल्या विश्विद्यालय में प्राध्यापक डॉक्टर सखाराम मुजाल्दे और विक्रम विश्वविद्यालय में प्राध्यापक डॉक्टर कनिया मेड़ा विशिष्ठ अतिथि के रूप में शामिल रहे।

कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने जनजाती समाज के नायकों और उनकी शौर्य गाथाओं का स्मरण किया। विभिन्न वक्ताओं ने जनजाति समाज के सामाजिक समस्याओं पर प्रकाश डाला और चर्चा की। प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए अनंत जी ने कहा कि,
“पिछले 200 वर्षों से पहले अंग्रेजो द्वारा फिर प्रशासन द्वारा जनजाति समाज के साथ जिस प्रकार का व्यवहार किया गया है, वह समाज प्रशासन में अपना विश्वास खो चुका है। यदि हमें उनके लिए काम करना है, तो पहले उन्हें विश्वास दिलाना होगा कि यह प्रशासन उनके लिए है और ऐसा करने के लिए हमें प्रेम, संवेदना से उन्हे समझना होगा। उन्होंने जनजाति आयोग का परिचय देते हुए कहा कि, आज आयोग समाज के समृद्धि व अधिकारों के लिए सजगता से खड़ा है।”

अतराम जी ने अपने मन की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि अनेक विभागों में पदस्त जनजाति समाज के लोग, अपने ही समाज जनों को व्यवस्थाओं से जूझते हुए देखते हैं, हमें उनका हाथ थामना होगा। सखाराम मुजाल्दे जी ने युवाओं में स्वाभिमान जगाकर स्वावलंबी होने का आह्वान किया। कनिया मेड़ा जी ने अपनी बात में कहा कि आज हमारा हलमा विश्व को अक्षय विकास का संदेश दे रहा है, हम सबको अपनी परम्पराओं को आधार मानकर सामाजिक सशक्तिकरण के लिए एकजुट होकर कार्य करना होगा।
कार्यक्रम के समापन में पद्मश्री सम्मानित महेश शर्मा ने अपने पिछले 25 वर्षों के गहराई की अनुभूतियों के आधार पर समाज के कर्मचारियों को झकझोरते हुए, उनसे अपने समाज के सशक्तिकरण के लिए समय देने का आह्वान किया।

शिवगंगा द्वारा गत 2 दशकों से झाबुआ में स्वाभिमान जागरण का एक अभियान सतत चलाया जा रहा है। पिछले वर्ष, शिवगंगा द्वारा भीलों की बलिदान भूमि मानगढ़ पर धुली वंदना कार्यक्रम किया गया। जिसमें 30 हज़ार लोगों ने शामिल होकर मानगढ़ की बलिदानी मिट्टी से तिलक लगाया गया। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा इस विषय पर संगोष्ठीयाँ देशभर के विश्वविद्यालयों में आयोजित की जा रही हैं।

कार्यक्रम झाबुआ में अम्बा पैलेस में सम्पन्न हुआ। शिवगंगा के प्रमुख कार्यकर्ता राजाराम कटारा ने मंच का संचालन किया और कार्यक्रम के बाद विषय को लेकर आगामी योजना पर चर्चा की। शिवगंगा के वरिष्ठ कार्यकर्ता जानू भाई बिलवाल, रमु भाई वाखला, मानसिंह भाई निनामा, रमेश डामोर, बापू भूरिया, महेंद्र भाबोर, झितरा पंडा द्वारा इस कार्यक्रम का प्रबंधन और संचालन किया गया।

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