ब्रह्मांड में एक परम आत्मा है, जो संपूर्ण जगत का संचालन व नियंत्रण करती है

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थांदला। ब्रह्मांड में एक परम आत्मा है, जो संपूर्ण जगत का संचालन व नियंत्रण करती है, आदि गुरु शंकराचार्य ने जगत कल्याण के लिए एकात्म दर्शन की व्याख्या की । 

उक्त विचार जन अभियान परिषद  एवं आशा महाविद्यालय थांदला के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती के आयोजन की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ पीटर डोडियार ने व्यक्त किए।‌ प्रो. एस.एस. मुवेल ने एकात्म पर्व जन जीवन में की व्याख्या करते हुए आत्मा और परमात्मा के सामंजस्य की विस्तृत जानकारी दी। डॉ मीना मावी ने आदिगुरु शंकराचार्य के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि सनातन संस्कृति के उत्थान और हिंदू वैदिक सनातन धर्म को पुनर्स्थापित करने एवं भारतीय संस्कृति को एक सूत्र में बांधने तथा वेदों के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने वालों में आदि गुरु शंकराचार्य का नाम सर्वोपरि है।उन्होंने राष्ट्रीय एकता व अखंडता के उद्देश्य से चारों दिशाओं में चार धाम और चार मठों की स्थापना की ।आयोजन में गंगा राम निनामा ,अनिल मेडा,  राकेश चरपोटा, अनिल मावी, भूमिका, श्री दलसिंह मोरी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार जन अभियान परिषद थांदला की ब्लॉक समन्वयक वर्षा डोडियार ने ने माना।

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