नव वर्ष के प्रथम दिन जापान से पधारे पुण्य सम्राट गुरूदेव श्रीमद विजय जयंत सेन सूरीश्वर के अनन्य भक्त 

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रोहित सोनी @ पारा 

जापान की तुलसी बहन जो सर्वप्रथम गुरुदेवश्री से 2004 में मिली थी और उन्होंने बताया कि किस तरह गुरुदेव ने उन्हें नवकार महामंत्र का नाम, जाप और महत्व बताया था। तुलसी बहन ने बताया कि जैन न होने के बाद भी आज उन्होंने नवकार महामंत्र के जाप की शक्ति और परम पूज्य गुरुदेवश्री के आशीर्वाद से 2000 से भी अधिक जापानियों को जैन धर्म और नवकार महामंत्र का महत्व बताते उन्हें सधर्म की राह बताई।

सिर्फ यही नही बल्कि 500 से अधिक जापानी गर्म जल का सेवन करते हैं और कंद मूल का त्याग कर रखा है। आप ने नवकार महामंत्र की शक्ति के बूते कई बीमारियों खास कर डिप्रेशन में जा रहे जापानियों को सकारत्मकता की राह दिखाई। आप के साथ 10 अन्य जापानी गुरुभक्त भी पारा पधारे थे जिसमें मात्र करीब 6 या 7 वर्ष की बच्ची ने नवकार महामंत्र का बहुत ही सुंदर तरीके से पाठ किया। आप सभी जपानियों ने पारा मूलनायक श्री आदेश्वर भगवान, मंगल दिया, नवपद जी, गौतम स्वामीजी , विश्व पूज्य दादा गुरुदेव श्रीमद विजय राजेन्द्र सूरीश्वरजी मसा, आचार्य देवेश धनचन्द्र सूरीश्वरजी मसा, आचार्य देवेश यतीन्द्र सूरीश्वरजी मसा तथा आप जापानी जिनकी सच्चे ह्रदय से पूजा करते हैं ऐसे शासन प्रभावक आचार्य देवेश पुण्य सम्राट श्रीमद विजय जयंत सेन सूरीश्वरजी मसा की आरती का लाभ लिया। तुलसी बहन ने कहा कि आप हमेशा एक ही सद्गुरु का ध्यान करें। तुलसी बहन ने शुरुवाती दिनों में 15 से 16 घण्टे नवकार महामंत्र का जाप कर सिद्धि प्राप्त की है। तुलसी बहन ने कहा कि इस दुनिया मे नवकार महामंत्र जैसा मंत्र और पुण्य सम्राट जैसे गुरु मिलना असम्भव है। बहन तुलसी और भारत पधारे सभी गुरुभक्तों का खूब खूब स्वागत अभिनंदन इस अवसर पर नवयुवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश छाजेड ने अपने उद्गार व्यक्त कर कार्यक्रम का संचालन सुरेश कोठारी ने किया।

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