हिंदू सनातन धर्म के नव संवत्सर के अवसर पर संघ द्वारा आयोजन संपन्न 

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

भारतीय काल गणना के अनुसार हिंदू सनातन धर्म का नववर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता रहा है जिसे विक्रम संवत भी कहा जाता है। हमारे महापुरुषों सनातन धर्म के साधु-संतों आदि ने दुनिया का सबसे पहला पंचांग भारत में ही बनाया गया था जिससे काल गणना की जाती है आज से ही चेत्र नवरात्रि की शुरुआत भी की जाती है आम्बुआ में आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा भी एक आयोजन संपन्न हुआ। साथ ही महाराष्ट्रीयन समाज द्वारा मकानों के ऊपर गुड़ी बांध कर नववर्ष मनाया गया।

हमारे संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शाखा आम्बुआ द्वारा शंकर मंदिर प्रांगण में आज एक आयोजन प्रताप सिंह डावर (जिला संघ चालक) तथा बृजेश राठौड़ आम्बुआ मंडल द्वारा किया गया। संघ शाखा के समस्त कार्यकर्ताओं को सनातन धर्म के नव वर्ष विक्रम संवत नव संवत्सर के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की जा कर सभी को निरोगी रहने हेतु नीम की पत्ती एवं गुड़ खिलाया गया। कार्यक्रम में आम्बुआ मंडल के तथा अन्य स्थानों से आए संघ कार्यकर्ता उपस्थित हुए महाराष्ट्रीयन समाज द्वारा घरों पर गुड़ी बांधकर नववर्ष मनाया गया इस अवसर पर  “पूरम पूड़ी” का विशेष व्यंजन बनाया जा कर स्वयं परिवार सहित तथा मित्रों आदि  को खिलाया जाता है यह नववर्ष का त्यौहार हिंदू सनातन परिवार में धूमधाम से मनाया गया

आज ही चैत्र नवरात्रि की घट स्थापना कर नौ- आराधना प्रारंभ की गई कई स्थानों पर जवारे बोऐ गए। नौ दिनों तक माता रानी की विशेष पूजा-अर्चना तथा मंदिरों में दोनों समय आरती की जाना है आम्बुआ श्री राम मंदिर में भी जवारे बोऐ गए। आम्बुआ कस्बे में टेकरी वाली अंबे माता तथा शंकर मंदिर प्रांगण में स्थित अंबे माता मंदिर में भक्त अपनी मनोकामना हेतु पूजा अर्चना कर रहे हैं सुबह से ही देवी-देवताओं के भक्तों की लाइन मंदिरों के सामने लगने लगती है माता रानी के दरबार में हर सनातन हिंदू धर्म के भक्त पूजा अर्चना कर आराधना हेतु नौ दिनों तक जाएंगे।

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