बीते 3 घंटों से बिजली की राह देखता जिला अस्पताल, मरीज परेशान-परिवारजन हैरान.. कर्मचारी सुस्त-अस्पताल प्रशासन मस्त

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नवनीत त्रिवेदी @ झाबुआ Desk

झाबुआ का जिला अस्पताल जिले का सबसे बड़ा अस्पताल होने के साथ ही आज से तकरीबन 5 साल पहले ISO सर्टिफाइड भी हुआ था, लेकिन हमेशा अपनी कमियों – अव्यवस्थाओं एवं मरीजो की परेशानियों के लिए पहचाना जाने वाला जिला अस्पताल जिसमें रोजाना सेकड़ो मरीज अपने इलाज के लिए ठेठ सुदूर ग्रामीण अंचलों से आते हैं उन्हें मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लगातार परेशान होते देखा जा सकता है, आज जिला अस्पताल में रखरखाव संबंधी कार्य होने से दोपहर 2:00 बजे से बिजली बंद है, अस्पताल का वृद्धजन रोग निदान कक्ष, केंसर वार्ड, ICU, डॉक्टर OPD, SNCU सहित मेटरनिटी वार्ड एवं पूरा जिला अस्पताल बिजली के अभाव में अंधेरे के आगोश में है, खेर रखरखाव आवश्यक है।

समय-समय पर किया भी जाना चाहिए मगर करोड़ों की लागत से लगाए गए  जनरेटरों का उपयोग भी इन्हीं मरीजों के लिए किया जाना आवश्यक है..  ताकि इन जनरेटरो को देख कर ये महसूस  हो कि ये मरीजों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए है ना कि प्रदर्शनी के लिए, खेर उम्मीद है कि  आने वाले समय में अगली बार होने वाले रखरखाव में इस तरह की घोर लापरवाही की पुनरावर्त्ति ना हो, जिम्मेदार नींद से जागे एवं अपने कार्य के प्रति सजग होकर सुदूर अंचल से आये मरीजों की समस्याओं को समझ कर स्वयं की जिम्मेदारी का पालन करें, बाकी जो है सो है।

ये बोले जिम्मेदार

इस संबंध में जब हमने सिविल सर्जन ज़ह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ बीएस बघेल से चर्चा की तो उन्होंने बिजली ना होने की बात को सिरे से खारिज कर ये कहा कि जनरेटर में डीजल अभी डलवाया है, सभी वार्ड जनरेटर से जुड़ा हुआ नहीं है जो वार्ड जुड़े हैं वहां पर बिजली  का संचालन शुरू करवा रहे हैं।

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