मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
सनातन हिंदू धर्म का त्यौहार जो कि सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के कारण मनाया जाता है। आम्बुआ में यह त्यौहार दो दिनों तक मनाया जा रहा है आज दिन भर पकड़ो काटो ढील दो और रेडडा की आवाजें आती रही।

मकर सक्रांति पूर्व शीत ऋतु की विदाई का पर्व भी माना जाता है बताते हैं कि मकर सक्रांति के बाद ठंड का असर कम होने लगता है। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होने लगता है तथा मकर राशि में प्रवेश के कारण इसे सक्रांति कहा जाता है। आम्बुआ में 14 तथा 15 जनवरी को यह त्यौहार मनाया जा रहा है घरों में तिल गुड़ के लड्डू खिचड़ी तथा मूंग के पकौड़े आदि व्यंजन बनाए जाते हैं जिसका आदान-प्रदान भी किया जाता है।
