गरीबों के अनाज की कालाबाजारी करने वालों की अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी

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आलीराजपुर। गरीबो के लिए भेजे गए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के का अनाज की हेराफेरी व काला बाजारी करने वालों पर कार्रवाई की मांग की गई है। परिवहन ठेकेदारों को राजनैतिक सरंक्षण में सुरक्षा मिलने कालाबाजारियों की मिली भगत के चलते आज पर्यन्त तक गिरफ्तारी नही हुई है। इसके विरोध में ज्ञापन सौंपा गया। 

प्रधानमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में कहा आदिवासी बाहुल्य आलीराजपुर जिले में शासन द्वारा गरीब आदिवासियों, मजदूरों व किसानों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत वितरण किये जाने वाले अनाज फूड कार्पोरेशन एवं स्थानीय अधिकारीयों , परिवहन ठेकेदार व गोदाम कर्मचारीयों की मिली भगत के कारण अनाज इन गरीबों तक नहीं पहुचते हुए कालाबाजारी के माध्यम से धनाढ्य लोगों के गोदामो तक पहुंचाया जा रहा है। इस भ्रष्टाचारा का पर्दाफाश विगत दिनों राजस्व विभाग की टीम ने किया। जिसमें एक प्रायवेट गोदाम को किराया आधार पर लेकर उसमे शासकीय अनाज भरने तथा वहां से रसूखदारो के गोदामों भेजने के पूर्व पकडा गया व जिसकी रिपोर्ट भी भी लिखा है कि लदा खाद्यान्न सरकारी था। प्रथम दृष्टया मामला स्पष्ट हो गया व ट्रक मे लेकिन किसी भी व्यक्ति के विरूद्ध कायमी नही की गिरफ्तारी भी नहीं हुई है । इस तरह गरीबों मजदूरों हक का अनाज 30 टन भरकर सरकारी गोदाम से अनाज मण्डी मे बेचने के लिए ले जाया जा रहा था । यह क्रम विगत कई वर्षो से निरन्तर व अबाधित चल रहा था यह कृत्य रसूखदारों के द्वारा किया जा रहा था । ज्ञापन में कहा कालाबाजारी करने वालों में कानून का भय नहीं रहा है तथा बेखाफ शासन की गरीब व कल्याणकारी नितियों अनाज माफिया आर्थिक रूप से विकसित हो रहे हैं

गरीब लोगो को जो अनाज मुफ्त मे वितरण किया जाने हेतु भेजा जा रहा था , वह गरीब के पेट के बजाय इन भ्रष्ट लोगो की तिजोरीयों का पेट भर रहा है। जिसमे स्थानीय अधिकारी , नेता व जवाबदार कर्मचारी पूरी तरह से लिप्त है। जिसमें गोदाम पर तैनात कर्मचारीयों की सम्पतियों की जांच की जावे तो मामला पूरी तरह से स्पष्ट हो जावेगा । एक अति गम्भीर मामला जो कि अनाज की कालाबाजारी से जुड़ा है । ट्रक मे अनाज की तस्करी की जा रही थी सरेआम पकडा गया लेकिन गिरप्तारी आज तक नहीं होना जांच का विषयक है। यहा यह उल्लेखनीय है कि इस पूरे घटनाक्रम मे ठेकेदार की भूमिका को भी नजर अंदाज नही किया जा सकता है । प्रमुख भूमिका ठेकेदार की ही रहती है । इसके विरूद्ध भी सख्त से सख्त कार्यवाही की जाना अर्ज है ।

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