जैन आयोग की रिपोर्ट सदन में रखने की मांग पर बहस के लिए शासन ने समय मांगा

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मंदसौर गोलीकांड पर गठित जैन आयोग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने की मांग पर उच्च न्यायालय इंदौर में चल रही पिटीशन पर शासकीय अधिवक्ता ने बहस के लिए समय मांगा । अब अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी । 

उच्च न्यायालय इंदौर में मंदसौर गोलीकांड पर पूर्व विधायक पारस सकलेचा की पिटीशन मे जैन आयोग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने की मांग की गई थी , जिस पर माननीय न्यायालय ने शासन को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का कहा था । शासन ने अपने जवाब मे पिटीशन पर आपत्ति लेते हुए कहा था कि आयोग की रिपोर्ट पटल पर रखने के लिए शासन बाध्य नहीं है और इस संदर्भ में विभिन्न उच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लेख करते हुये पिटीशन खारिज करने की मांग की गई । शासन की आपत्ति पर पिटीशनर के अधिवक्ता अभिनव धनौतकर की बहस की मांग पर शासकीय अधिवक्ता ने बहस के लिये समय मांगा । अब अगली सुनवाई  दो सप्ताह बाद होगी । 

मंदसौर में पिपलिया मंडी के पास 6 जून 2017 को पार्श्वनाथ चौराहे पर हुए गोलीकांड में 5 किसानों की मृत्यु हुई थी । जिस पर 12 जून को सेवानिवृत न्यायमूर्ति जे के जैन आयोग का गठन किया गया था । आयोग ने 13 जून 2018 को अपनी रिपोर्ट शासन को पेश कर दी । पिटीशनर की मांग थी कि जांच आयोग अधिनियम 1952 की धारा 3(4) के तहत शासन का यह दायित्व है कि  वह आयोग की अनुशंसा अनुसार कार्यवाही कर रिपोर्ट को 6 माह में सदन के पटल पर रखे । इस पर शासन का जवाब था कि आयोग की धारा 3(4)  बधंनकारी नहीं है ।

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