जनपद पंचायत के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत धतुरिया में निर्माण कार्यों में बरती जा रही अनियमितताओं पर जनपद पंचायत पेटलावद अथवा जिला पंचायत द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न किये जाने के कारण पंचायत के सरपंच सचिव के हौसलें बुलंद है। गौरतलब है की गत दिनों ही पंचायत द्वारा बिना अनुमति के पंचायत के नवीन भवन बनाये जाने के कारण पुराने भवन को बिना किसी सक्षम अधिकारी की सहमति के बिना जमीजौंद कर दिया गया था। मामला मीडिया में सुर्खियों में भी आया और अधिकारी कार्यवाही करने की बात भी करने लगे लेकिन किसी भी विभागीय अथवा प्रशासनिक अधिकारी के कार्यवाही करना तो ठीक मौके पर पंहुचकर मामले की स्थिति देखना भी उचित नहीं समझा गया। बिना अनुमति पंचायत भवन जमीजौंद करने के मामले में एसडीएम सी एस सौलंकी पहले ही स्पष्ट कर चुके है की उनके कार्यालय से भवन तोडऩे की किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं दी गयी है।
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पंचायत के हर निर्माण कार्य में बरती जा रही अनियमितता-
पंचायत द्वारा निर्माण कार्यों में लगातार कोताही बरती जा रही है। बिना अनुमति के पंचायत भवन को जमीजौंद किये जाने के बाद पंचायत द्वारा मनरेगा अन्तर्गत ग्राम में 5 लाख के सीमेेंटेड रोड़, 8 लाख की लागत से बनने वाले खेत सड़क योजना अन्तर्गत खेत पंहुच मार्ग एवं करीब 8.50 लाख से बनने वाले मुक्धिाम निमार्ण का कार्य किया जा रहा है जिसमें लगभग सभी निर्माण कार्य में पंचायत ने अपने चहेतो को निर्माण कार्य की बागडोर सौंप रखी है।
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अकुशल श्रमिकों द्वारा पूरे किये जा रहे निर्माण कार्य-
गत दिनों जब मीडियाकर्मियों द्वारा पंचायत के ग्राम कमलखेड़ा में चल रहे निर्माण कार्य स्थल पर पंहुचकर देखा गया तो सीमेंटेड मार्ग पर घोर अनियमितता बरतते हुए आनन फानन में कार्य निपटाया जा रहा था। मौके पर न तो जनपद पंचायत का कोई इंजीनियर मौके पर था और न ही पंचायत कोई पदाधिकारी। निर्माण कार्य मजदूरों के भरोसे ही छोड़ दिया गया जिसे वे अपने हिसाब से ही निपटाने में लगे थे। सीमेंटेड मार्ग निर्माण कार्य में लगे मजदूरों में बड़ो के साथ बच्चे भी मजदूरी करते नजर आये।
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अन्य निर्माण कार्यों में भी अनियमितता हावी-
इसी प्रकार साढ़े आठ लाख रू की लागत से बनने वाले मुक्धिाम एवं पंहुच मार्ग पर केवल हल्के मुरम का इस्तेमाल कर उसे जस का तस छोड़ दिया गया। यही हाल 8 लाख से बनने वाले खेत सड़क पंहुच मार्ग का भी है। यहां भी पक्के पत्थरो की बजाय कमजोर मुरम डालकर फिलहाल काम बंद कर दिया गया है।
ग्रामवासियों का कहना है की हमनें कई बार जनपद स्तर के अधिकारियों को बताया की पंचायत के सभी निर्माण कार्यों में बंदरबाट चल रही है और गांव के प्रभावशाली अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल गांव की अंधोसंरचना निर्माण करने में लगे है जबकि पंचायत के अंतर्गत सम्पन्न करवाये जाने वाले सभी निर्माण कार्यों की क्रियान्वयन एजेंसी ग्राम पंचायत ही होती है बावजूद इसके पंचायत ने अपने चहेतों को निर्माण कार्य सौंप दिये है जिस कारण उनके द्वारा मनमानी करते हुए घटिया निर्माण व जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसमें किसी भी अधिकारी द्वारा जांच करना उचित नहीं समझा जा रहा।