थांदला। मुनि थांदला गौरव परम पूज्य तपस्वी 108 मुनि श्री अन्तरंगसागर जी महराज के सिर पर सीढ़ियों से नीचे आते समय अनायास पैर फिसल जाने से सिर पर गम्भीर चोट लग जाने से उनके दीक्षा प्रदाता गुरु 108 मुनि श्री अमितसागरजी ने उनका अंतिम समय निकट जानकर आमरण समाधि प्रदान कर दिया था। ज्ञात हो अनंत सागर जी जिन्होंने विगत कुछ वर्ष पूर्व थांदला निवासी होकर दीक्षा अंगीकार की थी , जिनका सांसारिक नाम धर्मेंद्र भाई मिंडा था। विगत पाँच दिनॉन से पूज्य श्री का पण्डित मरण (अन्न-जल सहित समस्त क्रियाओं के त्याग के साथ) चल रहा था जो आज दोपहर 1.30 बजे सिझ गया। उनके देवलोक गमन के समाचार सुनते ही स्थानीय जैन समाज ने अपने प्रतिष्ठानों को बन्द रख कर जिनालय पहुँच कर नवकार महामंत्र के जाप किये।
