साध्वीश्री सारिकाजी का थांदला में हुआ मंगल प्रवेश

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थांदला। आचार्य श्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तक जिनेद्रमुनिजी की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री सारिकाजी, चतुर्गुणाजी, आस्थाजी ठाणा 3 का पेटलावद रोड़ की तरफ से सोमवार को थांदला नगर में मंगल प्रवेश हुआ। श्रीसंघ के अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत एवं सचिव प्रदीप गादिया ने बताया कि साध्वी मंडल का विभिन्न क्षेत्रों में धर्म प्रभावना करने के बाद यहाँ आगमन हुआ। साध्वी मंडल की अगवानी हेतु श्रावक- श्राविकाएँ पेटलावद रोड़ पर दूर दूर तक पहुँच गए थे। प्रवेश के दौरान श्रावक-श्राविकाएँ श्रमण भगवान महावीर स्वामी, आचार्यश्री उमेशमुनिजी, प्रवर्तकश्री जिनेद्रमुनिजी आदि की जय जयकार और गुरु गुणगान करते हुए चल रहे थे। मंगल प्रवेश यात्रा पेट्रोल पम्प, शनि मंदिर, बस स्टेण्ड, सब्जी मंडी, मठ वाला कुआँ, जवाहर मार्ग होती हुई स्थानीय दौलत भवन स्थित महिला स्थानक पर पहुंची। साध्वी मंडल ने वहां विराजित साध्वीश्री दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी को वंदना कर सूखसाता पूछी। मार्ग में साध्वीजी ने कई स्थानों पर मांगलिक श्रवण करवाई। यहां श्रावक-श्राविकाओं ने साध्वी मंडल को सामूहिक वंदना कर विहार आदि की सुखसाता पूछी। 

साध्वी वृंद के सानिध्य में विभिन्न आराधनाएं होगी

श्रीललित जैन नवयुवक मंडल के अध्यक्ष रवि लोढ़ा ने बताया कि साध्वी वृंद के पावन  सानिध्य में यहां प्रतिदिन राई प्रतिक्रमण, प्रातः प्रार्थना, दोपहर में ज्ञान चर्चा, देवसीय प्रतिक्रमण, कल्याण मंदिर, चौवीसी आदि विविध धार्मिक आराधनाएं होगी। जिसमें श्रावक-श्राविकाएं उत्साहपूर्वक आराधना में भाग लेगे। 

23 नवंबर को पक्खी पर्व मनाएंगे

साध्वी मण्डल के सानिध्य में 23 नवंबर बुधवार को “पक्खी पर्व“  जप-तप-त्याग-तपस्या व विभिन्न धार्मिक आराधना के साथ मनाया जाएगा। प्रातः 9 से 10 बजे तक साध्वी मण्डल के व्याख्यान स्थानीय पौषध भवन पर पर होगे। “पक्खी पर्व“ के प्रसंग पर बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपवास तप आदि विभिन्न तपाराधना करेगे। कई आराधक आयम्बिल, नीवीं, एकासन, बियासन आदि विविध तपाराधना करेगे। इस अवसर पर नवकार महामंत्र के जाप होगे। शाम को 5 : 43 बजे से पक्खी प्रतिक्रमण प्रारंभ होगा। श्रावक वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर और श्राविका वर्ग का प्रतिक्रमण दौलत भवन महिला स्थानक पर होगा। श्रीसंघ ने पक्खी पर्व के प्रसंग पर श्रावक-श्राविकाओं से अधिक से अधिक आराधना करने का निवेदन किया है।

संत मण्डल व साध्वी मण्डल का थांदला से विहार

प्रवर्तकश्री जिनेद्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती सुशिष्य जयंतमुनिजी, अमृतमुनिजी ठाणा-2 ने थान्दला में धर्म प्रभावना करने के पश्चात सोमवार को स्थानीय पौषध भवन से वहीं साध्वी निखिलशीलाजी व साध्वी मण्डल ने शनिवार को दौलत भवन से पेटलावद-नागदा हेतु विहार किया। संत मण्डल व साध्वी मण्डल के विहार में श्रावक-श्राविकाएं शामिल हुए। विहार के पूर्व उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को संत मण्डल व साध्वी मण्डल ने  मांगलिक श्रवण करवाई।

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