अंततः हटाये गए बच्चों को छात्रवृत्ति के लिए विगत 3 वर्षों से प्रताड़ित कर रहे प्रभारी प्राचार्य प्रेम नारायण अहिरवार

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नवनीत त्रिवेदी @झाबुआ Desk

शासकीय बालक उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय थांदला के प्रभारी प्राचार्य प्रेम नारायण अहिरवार को आज आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य ने अपने पद हटा कर रामसिंह  सिंगोड़ उच्च माध्यमिक शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य का दायित्व सौंपा है।

यह है मामला

विदित है कि कल शासकीय बालक उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय के तकरीबन 500 से ज्यादा छात्र 32 किलोमीटर पैदल चल अपनी छात्रवृत्ति एवं अन्य मांगों को लेकर झाबुआ कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे थे, इनका आरोप था कि प्राचार्य अहिरवार ने पिछले 3 वर्षों से इनकी छात्रवृत्ति इनके खातों में नहीं डलवाई है और छात्रवृत्ति की मांग करने पर इन से लगातार अभद्रता की जा रही है, कल शाम को ही इन्हें जिम्मेदारों द्वारा आश्वस्त किया गया था कि सभी छात्रों की छात्रवृत्ति जल्द ही डाल दी जाएगी और प्राचार्य पर कार्रवाई होगी और अंततः आज प्राचार्य अहिरवार को अपने पद से हटा दिया गया ।

विडंबना – इसे विडंबना ही कहेंगे कि थांदला से झाबुआ तक पैदल आ रहे छात्रों की सुध ना थांदला रोड,न मेघनगर, न अन्तरवेलिया में किसी शासकीय नुमाइंदे ने ली, ना इनसे बातचीत की कोशिश की गई और ना ही समझाइश या आश्वासन दिया गया, कड़ी धूप में ये छात्र जो प्रदेश एवं  देश का भविष्य है .. पैदल चल थांदला से झाबुआ आये और अपनी समस्याएं जिम्मेदार अधिकारियों को रखी.. अगर इतनी बार शिकायत करने पर थांदला में इनकी समस्या का समाधान हो जाता तो छात्रों को कड़ी धूप में 32 किलोमीटर की दूरी तय कर जिला मुख्यालय पर नहीं पहुँचना पड़ता,  मगर प्रशासन इतने समय आजादी का अमृत महोत्सव मनाने में व्यस्त था, इसलिए इनकी समस्या किसी कागजोंके ढेर के नीचे दबा दी गयी।

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