निर्मला अमृतलाल जैन ने 36 उपवास की कठिन तपस्या पूर्ण की

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पारा। पारा वास्तव में अपारा है जहां पूरे क्षेत्र के निवासी सर्वधर्म समभाव से रहते हैं। वही अनगिनत बार अनेकता में एकता के दर्शन होते हैं। यह उद्गार प्रवचन के रूप में अनेकों बार पुण्य सम्राट आचार्य देवेश गच्छाधिपति गुरु भगवंत जयंत सेन सूरीश्वर जी महाराजा साहब ने पारा में ही नहीं बल्कि भारत के कई बड़े शहरों और कस्बों में देकर कहा था। पारा आदिवासी बहुल क्षेत्र है और यहां सर्व समाज हिलमिल कर रहता है। उसका कारण यहां का माहौल धर्ममय माना जाता है। 

इसी कड़ी में जयंत नगर पारा  की सुश्राविका पोखरना निर्मला अमृतलाल जैन पत्रकार ने गच्छाधिपति धर्म दिवाकर आचार्य देवेश श्री नित्यसेन सूरीश्वरजी जिनका झाबुआ शहर में भव्य तपस्याओं के साथ चातुर्मास चल रहा है की प्रेरणा पाकर 36 उपवास की कठिन तपस्या शुक्रवार को पूर्ण कर रही है।  गर्म जल पर आधारित इस पारा की सबसे बड़ी तपस्या निमित्त राजमल, नगीनलाल, अमृतलाल पत्रकार, अशोक जैन परिवार द्वारा शनिवार को  जैन समाज का स्वामी वात्सल्य सुबह रखा गया।  इसके पूर्व मुख्य बाजार स्थित आदिनाथ, शंखेश्वर,सीमंधर धाम जैन मंदिर प्रांगण से तपस्वी निर्मला जैन की शोभायात्रा निकाली जाएगी जो बाद में महावीर  राजेन्द्र जयंत भवन पहुंचेगी। जहां आयोजित धर्म सभा में तपस्वी का निर्मला जैन का श्रीसंघ एवं परिषद परिवार द्वारा बहुमान किया जाएगा।  कार्यक्रम के बाद परिवार स्वामिभक्ति का आयोजन महावीर भवन में रखा गया है। शनिवार को दोपहर बाद हमारे  वरिष्ठ संवाददाता के श्री राजेंद्र सूरी  चौक स्थित निवास राज भवन पर पोते – पोती युक्ति,अर्चिता अग्रिम, प्रथम पहले अपनी दादी-नानी को पारणा करवाएंगे।

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