आदिवासी छात्राओं को निजी नर्सिंग कॉलेज संचालकों द्वारा एडमिशन निरस्त किए जाने के संबंध में विधायक पटेल ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

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आलीराजपुर। आलीराजपुर विधायक मुकेश पटेल ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जिले के विकासखंड सांडवा क्षेत्र अंतर्गत छात्राएं संगीता कनेश, शिवानी, लीला कनेश, पूजा सोलंकी, सरिता लोहारिया सहित कुल 15 छात्राओं ने मुझे अवगत कराया है कि मप्र सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा  अन्तर्गत कक्षा 9 वी से 12 वी तक हेल्थ केयर विषय का अध्ययन शुरू किया गया था। जिसमें विकास खण्ड सोण्डवा की कुल 15 छात्राओं ने शासकीय विद्यालयों से कक्षा 9वी से 12वी तक हेल्थ केयर विषय से अध्ययन किया गया। 

विधायक ने बताया शासन के निर्देषानुसार शासकीय विद्यालयों के संस्था प्रमुखों द्वारा छात्राओं को अवगत कराया गया था कि यदि आप लोग कक्षा 9वी से 12वी तक हेल्थ केयर विषय का चयन कर अध्ययन करेगें तो 12वी उत्तीर्ण होने के बाद तुम्हारा ऐडमिशन नर्सिंग कोर्स के लिए किसी भी कॉलेज में हो सकेगा। इसी आधार पर छात्राओं ने कक्षा 9वी से 12वी तक हेल्थ केयर विषय का चयन कर 12वी उत्तीर्ण होने के बाद वर्ष 2020 में इनके द्वारा इन्दौर, रतलाम, भोपाल, अलीराजपुर एवं बड़वानी में संचालित निजि नर्सिंग कॉलेजो में एडमिशन  के लिए आवेदन पत्र मय सम्पूर्ण दस्तावेज और फीस राशि सहित जमा करने के 2 वर्ष बाद अब निजि नर्सिंग कॉलेज संचालको द्वारा इन छात्राओं का अंग्रेजी विषय नहीं होने का करण बताकर एडमिशन निरस्त कर दिया गया। जब छात्राओ ने एडमिशन लिया तब आवेदन के साथ सम्पूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत किये गये थे उस समय नर्सिंग कॉलेज संचालको द्वारा यह क्यों नही बताया गया और 2 वर्ष बितने के बाद छात्राओं का एडमिशन निरस्त होना बताया गया। 

छात्राओं की 2 वर्ष के अध्ययन का नुकसान और छात्राओं द्वारा नर्सिंग कोर्स की कोंचिंग क्लासेंस के और इन्दौर, भोपाल, रतलाम और बड़वानी शहर में रहने खाने-पीने के खर्चे की जिम्मेदारी कोन लेगा। इससे यह स्पष्ट प्रतित होता है कि निजि नर्सिंग कॉलेज के संचालको द्वारा प्रदेश की आदिवासी छात्राओं का शोषण किया जा रहा है। विधायक पटेल द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि छात्राओं को इनके द्वारा जिस निजि नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन आवेदन दिये गये है उन कॉलेजो के संचालको को आदेशित करें कि इनका एडमिशन तत्काल किया जाकर छात्राओं का अध्ययन प्रारंभ किया जावे। यदि निजि नर्सिंग कॉलेज के संचालको द्वारा छात्राओं का एडमिशन किया जाकर अध्ययन प्रारंभ नहीं किया जाता है तो उन निजि नर्सिंग कॉलेजों के संचालकों पर कार्रवाई करते हुए उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जावे।

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