थांदला के एमजी रोड मे आए दिन लग रहा जाम से परेशानी बढ़ी

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thandla (1)झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपार्ट- थांदला जैसे छोटे से नगर मे अगर जाम लगे ओर कोई व्यक्ति उसमे घंटो फंसा रहे तो आप कहेंगे की हास्यप्रद है मगर थांदला नगर के एम जी रोड जाम के मामले मे किसी महानगर से कम नहीं है कैसे, जानिये इस आपबीती से-
नगर का प्रमुख एम.जी.रोड जहां से प्रतिदिन हजारों भारी एवं हल्के वाहन गुजरते है। मैं भी इसी मार्ग से गुजर कर किसी शुभ प्रसंग मे पहंुच रहा था कि अचानक जाम लग गया। जाम मे वाहनों की संख्या इतनी बढ़ गई की वहा से किसी ओर तरफ बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया। जाम कुम्हारवाडा चैराहे से अष्ट हनुमान मंदिर बावडी तक लग गया। जैसे तेसे बडी मश्क्कत के बाद जाम खुला ,मगर उसे तकरीबन आधे घंटे से अधिक का समय गुजर गया। मुझे जिस प्रसंग में पहंुचना था वह भी लगभग समाप्ति की और था जब मे कार्यक्रम स्थल पर पहंुचा ओर देरी से पंहुचने का कारण बताया तो वहा उपस्थित जनों को लगा की मैं कोई हास्य कर रहा हूं। वे भी कहने लगे भाई ये थांदला है कोई महानगर या बड़ा शहर नहीं जहां कोई व्यक्ति इतने समय तक जाम में फंस जाए।बहाने भी ऐसे बनाओ यार जो हजम हो जाए। मैंने कहा ये कोई मजाक नही यार। फिर मेंने उन्हे व्हाट्सअप पर आई जाम की तस्वीरे दिखाई तब जा कर सबको यकीन हुआ की यातायात सन्तुुलित करने की व्यवस्था मे नगर प्रशासन किस कदर बेअसर एवं लापरवाह है।
जाम के कारण 
प्रतिदिन लगने वाले एमजी रोड़ के जाम का प्रमुख कारण अस्थाई अतिक्रमण है । ठेेला व्यवसाइयों द्वारा जगह जगह ठेला लगा कर व्यापार किया जा रहा है जिस कारण मार्ग की चैड़ाई कम हो गई है वही व्यापारियों द्वारा अपनी दुकानों से 5-10 फीट आगे तक दुकाने लगाई जाती है जो कि जाम का कारण बनती है ।
ट्रैफिक जवान नदारद
एसपी संजय तिवारी द्वारा जन संवाद के दौरान एवं एसडीओपी एनएस रावत द्वारा भी शीघ्र ही इस मार्ग पर ट्राफीक जवान को नियुक्त किये जाने की बाते कही गई परन्तु आज तक कोई जवान नियुक्त नही किया गया। शांति समिति की बैठको का भी प्रमुख मुद्दा यही रहा परन्तु ओपचारीक शांति समिति बैठक के आश्वासन भी औपचारिक ही रह गये उन पर अमल नहीं हो पाया। अब बैठको मे पहुंचने वाले नगरवासियों एवं जनप्रतिनिधियों को भी सोचना होगा की सिर्फ टाईम पास करने हेतु ऐसी बैठको मे शिरकत न करे।
क्यों हे ट्रैफिक जवान जरुरी
एमजी रोड पर दो पहिया एवं चार पहिया वाहन चालकों द्वारा यहा वहा नो-पार्किंग झोन मे भी खडे कर दिये जाते है। कई अघोषित बस स्टापेज भी इस मार्ग किये जाते है जो जाम का कारण बनते है। साथ ही इस मार्ग पर कई गोदाम भी है जहां रोड पर खडे रख कर माल से भरे भारी वाहनों को खाली किया जाता है। इन सभी कारणों के चलते इस रोड़ पर ट्रैफिक जवान का नियुक्त किया जाना अत्यावश्यक हैै।

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