अलीराजपुर, हमारे प्रतिनिधिः आदिवासी अंचल में कांग्रेस की गुटबाजी और यहां अध्यक्ष पद को लेकर दो बड़े नेताओं में चल रहे टकराव में एक दूसरे का शह और मात का खेल जारी है। अब तक कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे सरदार पटेल ने खुद को पूर्णकालिक अध्यक्ष घोषित कर दिया है।
अब तक राधेश्याम माहेश्वरी भी खुद को पार्टी का अध्यक्ष बताते रहे है। दरअसल, राधेश्याम माहेश्वरी ने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सरदार पटेल को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। सरदार पटेल उसी वक्त से खुद को पूर्णकालिक अध्यक्ष बता रहे थे। हालांकि, उस वक्त राधेश्याम माहेश्वरी गुट ने उन्हें पूर्णकालिक अध्यक्ष मानने से इंकार कर दिया था। उनका दावा था कि माहेश्वरी ने भले ही इस्तीफे की पेशकश की हो लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है।
उस दौरान सरदार पटेल ने एक पत्र भी जारी किया था, जिसमें खुद को पूर्णकालिक अध्यक्ष बताया गया था। विरोधी गुट ने उस वक्त आरोप लगाया था कि प्रदेश कांग्रेस से जारी पत्र के साथ छेड़छाड़ की गई है। उस वक्त तो सरदार पटेल ने इन आरोपों का जवाब नहीं दिया था लेकिन शनिवार को बकायदा उन्होंने खुद को पूर्णकालिक अध्यक्ष घोषित करते हुए प्रदेश कांग्रेस का एक नया पत्र भी जारी कर दिया। इस पत्र में उन्हें अध्यक्ष बनाने की बात कही गई है।
दरअसल, बाहर से देखने पर यह लड़ाई सरदार पटेल बनाम राधेश्याम माहेश्वरी नजर आ रही है, लेकिन यह लड़ाई जैसी दिखती है वैसी है नहीं। राधेश्याम माहेश्वरी केवल एक चेहरा भर है और उनके पीछे पूरी ताकत महेश पटेल लगा रहे है। वो ही सरदार पटेल का मुखर विरोध कर रहे है।
इस लड़ाई में पार्टी पूरी तरह से दो टुकड़ों में बंट चुकी है। खासतौर पर महेश पटेल को पार्टी के भीतर पूरा समर्थन मिल रहा है। अधिकांश कार्यकर्ता उनके साथ बताए जा रहे है। ऐसे में पूर्व विधायक सुलोचना रावत की भूमिका अहम हो जाती है। वो जिस गुट का समर्थन करेगी उसका पलड़ा भारी हो जाएगा।
अलीराजपुर जिले में यहां एक दूसरे को पटखनी देने का खेल खुलकर खेला जा रहा है। यहाँ महेश पटेल कांग्रेस के अभी तक खेवनहार थे लेकिन जैसै ही कांतिलाल भूरिया ने यहाँ कांग्रेस का चेहरा बदलने की कोशिश शुरु की महेश पटेल ने खुद का एक अलग समूह बना लिया।
पटेल ने जिला से लेकर जनपद और सरपंच से लेकर पंच पदो तक अपनी पैनल खडी कर दी। इसी बीच प्रदेश कांग्रेस के पर्यवेक्षक अरविंद जोशी ने जिला और जनपद पंचायतो के लिए कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियो की सूची जारी की तो जवाब मे महेश पटेल की ओर से नई सूची जारी की गई। विवाद बढ़ा तो पहले सुलह और समझौता की पेशकश की गई लेकिन जब भूरिया को अपने मनमाफिक बात बनती नहीं दिखी तो उन्होंने सरदार पटेल को कांग्रेस का नया जिला अध्यक्ष बनवा दिया।
हालांकि, यह लड़ाई केवल अलीराजपुर जिले में लड़ी जा रही है लेकिन इसे कांग्रेस के भीतर वर्चस्व के रूप में देखा जा रहा है। यह बात किसी से छुपी नहीं है कि कांग्रेस में सरदार पटेल के पीछे कांतिलाल भूरिया खड़े है। वहीं महेश पटेल गुट को सीधे ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट का समर्थन हासिल है। ऐसे में सरदार पटेल के जरिए भूरिया दिखाना चाहते है कि कम से कम उनके इलाके में सिक्का तो उनका ही चलेगा।