थांदला। बहुत सौभाग्य शाली है हम कि हमारे हाथों में तिरंगा है। तिरंगा कपडे का टुकडा मात्र नही है, यह हमारी आन, बान, शान, ईमान सब कुछ है। इस तिरंगे के लिए कई मांओं ने अपने लाल, कई बहनों ने अपने भाई, कई सुहागनों ने अपना सिंदूर न्यौछावर किया है। लाखों की संख्या में बलिदान दिए है। इस तिरंगे को पाने के लिए जब भारत आजाद नहीं हुआ था तब अगर किसी देशवासी के हाथों में तिरंगा दिख जाता तो अंग्रेज उसे गोली से मार देते थे। बहुत ही बलिदान और संघर्ष के बाद मिली है हमें आजादी।
