वर्षा ऋतु के डेढ़ माह बीते पर नदी, नाले, तालाब अभी भी खाली

0

मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ

इस वर्ष क्षेत्र में वर्षा की बेरुखी के कारण सूखे जैसी नौबत बनती नजर आ रही है 15 जून से तथा जुलाई माह पूर्ण होने के बावजूद अभी तक क्षेत्र में तेज बारिश नहीं होने से सभी जलाशय तथा जल स्त्रोत खाली पड़े होने से भविष्य में जल संकट की आशंका से ग्रामीण तथा शहरी लोग आशंकित नजर आ रहे हैं सभी ओर से तेज वर्षा की प्रार्थना की जा रही है।

जैसा की विदित है कि आषाढ़ माह सुखा सा बीत गया, सावन माह में हल्की बारिश या यूं कहें कि सावन के सेरे ही कुछ समय के लिए आ रहे हैं। कहा जाता है कि यदि आषाढ़ माह में बारिश कम हो तो सावन माह में पूर्ति हो जाती है मगर इस बार आधा सावन बीत गया अभी तक बारिश की झड़ी नहीं लगी है। विगत दिनों वर्षा की अनियमितता के कारण किसानों को दो बुआई करना पड़ी कई खेत अभी भी खाली पड़े हैं। क्षेत्र की प्रमुख आर्थिक फसल सोयाबीन तथा उड़द की स्थिति खराब हो रही है। जिस कारण कृषक तथा व्यापारी चिंतित है। खाद्य फसलों में मक्का,  ज्वार, बाजरा भी समयानुसार वृद्धि नहीं हो पाने के कारण उपज पर असर पड़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

बारिश कम होने के कारण क्षेत्र के सभी नदी नाले तथा तालाब, कुएं, बावड़ियां खाली पड़ी है हैंडपंपों तथा ट्यूबवेलों का जलस्तर अभी भी गर्मी के मौसम की तरह बहुत नीचे बना हुआ है, जबकि इस मौसम में इनका जल स्तर बढ़ जाता था। नदी नालों में बेहिसाब पानी बहता रहता था। तालाब भी भर जाते थे। मगर इस बार सब खाली पड़े हैं। जिस कारण वर्तमान फसल खरीद के बाद रबी की फसलों की संभावना समाप्त हो रही है। यदि आगामी दिनों में अच्छी वर्षा होती है तो जल स्तर बढ़ सकेगा।अभी तो केवल प्रतीक्षा ही की जा सकती है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.