पार्थिव शिवलिंग मिट्‌टी से बनाकर पूजा करने से हर प्रकार की कामना पूर्ण होती है

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नानपुर सें जितेंद्र वाणी

भगवान शंकर के पार्थिव शिवलिंग मिट्‌टी से बनाकर पूजा करने से हर प्रकार की कामना पूर्ण होती है। कलियुग में सकल कामना सिद्धि के लिए इस पूजा का विशेष महत्व है। जो बिल्व वृक्ष को लगाता है व उसकी रक्षा करता है उसके ऊपर भगवान शंकर और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। 

यह बात कथा वाचक पं. श्यामदास महाराज धामनोद वालों ने राम चौक में चल रही शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कही। उन्होंने बिल्व पत्र का महत्व बताते हुए कहा एक बिल्वपत्र को आप कई बार चढ़ा सकते हैं। वृक्ष के नीचे किसी ब्राह्मण को भोजन कराने, दान करने से अचल लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। शिव महापुराण में बिल्व पत्र के वृक्ष की विशेष महिमा बताई गई है। पं. श्यामदासजी ने कहा भगवान शंकर के नेत्रों से रुद्राक्ष उत्पन्न हुआ जो साक्षात भगवान शंकर का स्वरूप है। रुद्राक्ष को धारण किया जाए तो यह शिवकृपा के साथ जीव को अकाल मृत्यु से बचाकर दीर्घायु बनाता है।

कथा का वाचन करते पं. श्यामदासजी महाराज।

कथा के अंतर्गत गुणानिधि के चरित्र के बारे में भी बताया गया। वह पथभ्रष्ट होकर गलत आचरण में लग जाता है जिसके कारण उसे नगर वाले निकाल देते हैं। भूख प्यास से तड़पता हुआ शिव मंदिर में चला जाता है और एक बुझते हुए दीपक को एक नई ज्योति प्रदान कर शिवकृपा को प्राप्त करता है। इसके परिणाम स्वरूप मृत्यु के पश्चात दीकपाल की पदवी को प्राप्त कर वह कुबेर बनता है। पं. श्यामदासजी ने कहा भगवान शंकर से बड़ा दयालु कृपालु जगत में कोई नहीं हो सकता। शिव नाम समस्त पापों को नष्ट कर सकता है। यह भगवान शिव के नाम की महिमा है।

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