आचार्य श्री जवाहर जन्मभूमि पर 10 दिन धर्मप्रभावना करने के बाद मंगल विहार पेटलावद की ओर हुआ

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थांदला। हुक्मगच्छाधिप्ती आचार्य श्री रामलालजी मसा. के आज्ञानुवर्ती शा. दी. पूज्य श्री प्रकाशमुनिजी मसा आदि ठाणा 3 द्वारा  10 दिन तक भगवान महावीर की जिनवाणी को प्रवचन के माध्यम से प्रवाहित की गई। 10 दिनों तक जैन धर्मावलंबी द्वारा पूज्य श्री के मुखारविन्द से श्रवण की गई। पूज्य श्री द्वारा बताया गया काल का बड़ा प्रभाव होता है काल के अनुरूप जिसने स्वयं को प्रभु आज्ञा अनुरूप ढाल लिया उसके जीवन का कल्याण निश्चित है। 

पूज्य श्री के सानिध्य में आचार्य श्री नानालालजी मसा की जन्म जयंती भी मनाई गई उनके गुणो का स्मर्ण किया गया नाना गुरु ने नागदा के निकट बलाई जाति के लोगो को व्यसन से दूर कर धर्मपाल की उपमा दी व सही जीवन जीने की शिक्षा दी। मंदसौर में विराजित आचार्य श्री रामेश की सुशिष्या महासती श्री कल्पमणिजी मसा के देवलोकगमन पर महासती श्री कल्पमणि जी को श्रद्धांजलि अर्पित की 4 लोगस्स का ध्यान प्रवचन में किया गया । पूज्य श्री का आगामी वर्षावास रतलाम जिले के बिरमावल ग्राम में होगा जहां चार माह तक धर्म ध्यान का ठाठ लगेगा। पूज्य श्री पेटलावद, रायपुरिया, जामली, सारंगी होकर बिरमावल पधारेंगे । 13 जुलाई से चातुर्मास प्रारंभ होगा।

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